एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। पटना हाई कोर्ट ने चौबीस लाख में डीएसपी बनाने के मामले में अपना सख्त रुख बरकरार रखते हुए बीपीएससी के पूर्व सदस्य डॉ राम किशोर सिंह को राहत देने से साफ इन्कार कर दिया और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने से मना करते हुए अर्जी को ख़ारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति विकास जैन की एकलपीठ ने डॉ. राम किशोर सिंह की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
कोर्ट को बताया गया कि 56वीं से 59वीं बीपीएससी की लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवार से साक्षात्कार में अधिक अंक देकर उसे चयनित करने के लिए 24 लाख रुपये की मांग की गई थी।
निगरानी के गुप्तचर एक परीक्षार्थी बनकर एक दलाल के जरिए सदस्य रामकिशोर से सीधी बातचीत की। जिसकी टेप और ध्वनि की जांच चंडीगढ़ के केंद्रीय फोरेंसिक लैब से कराई गई।
लैब ने बातचीत के टेप की सत्यता की जांच की और बातचीत को सही करार दिया। जिसके बाद निगरानी ने राम किशोर सिंह के खिलाफ गत 13 सितम्बर को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत निगरानी कांड संख्या 37/19 दर्ज की।