एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। मीडिया में अपनी खूब फजीहत कराने के बाद आखिरकार बिहार सरकार ने अररिया कांड के सूत्रधार तत्कालीन जिला जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया है।
इस मामले में मनोज कुमार को बचाने के सभी प्रयास असफल साबित हुए हैं और उन्हें सरकार ने निलंबित करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
मनोज कुमार सरकार के वही दुलारे अफसर है जिन्होंने सड़क पर चौकीदार से कान पकड़कर उठक बैठक कर आया था। चौकीदार से उठक बैठक कराने के मामले में एक पुलिस अधिकारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का सरकार ने उप निदेशक पद पर प्रोन्नति देते हुए तबादला कर दिया था।
कार्रवाई नहीं होने पर बिहार दफादार चौकीदार पंचायत ने एलान किया था कि कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर अविलंब कार्रवाई नहीं हुई तो 5 मई से हड़ताल पर चले जाएंगे। पंचायत की मांग थी कि सरकार दोषी कृषि पदाधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करे।
उधर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने भी मनोज कुमार पर कार्रवाई नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि सरकार की तरफ से सजा को लेकर अपनाया जा रहा दोहरा मापदंड ठीक नहीं।
उल्लेखनीय है कि यह विवाद अररिया जिले के कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से जुड़ा हुआ है। अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने गुंडागर्दी दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक चौकीदार को सड़क पर बेइज्जत किया था।
चौकीदार का कसूर केवल इतना था कि उसने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी की गाड़ी रोक डाली। दसअसल चौकीदार यह जानकारी लेना चाह रहा था कि गाड़ी किसकी है। लेकिन इतनी सी बात पर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गए और चौकीदार के साथ खुली गुंडई पर उतर आए।