“जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने भाजपा पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि इस बार उन्हें प्रचंड बहुमत मिला है इसीलिए वह जो चाहे वह फैसला कर सकते हैं…..”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जो बात पत्रकारों से इशारों में कही थी, अब उसका खुलासा कर दिया गया है। जदयू अब केंद्र की मोदी सरकार में शामिल नहीं होगा।
सीएम कार्यालय से जारी सीएम के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ‘जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि भविष्य में केंद्रीय कैबिनेट में जदयू के शामिल होने का कोई प्रश्न ही नहीं है। एलाएंस में प्रारंभ में जो बातें होती हैं, वही आखिरी तक होती है’।
नीतीश ने कहा, भाजपा की हारी हुई आठ सीटों पर जदयू ने जीत हासिल की है। किशनगंज के परिणाम की किसी को उम्मीद नहीं थी। बिहार मे जो चुनाव कैंपेन हुआ, उसमें सबलोगों ने एक दूसरे का साथ दिया।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 6 सीटें हैं जो सभी बिहार से है। मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए हमने कोई प्रपोजल नहीं दिया था।
शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने कहा कि उनकी उम्मीद थी कि संख्या बल के आधार पर भाजपा सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देगी, मगर ऐसा नहीं हुआ।
नीतीश ने कहा कि शपथ ग्रहण से पहले उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बिहार भाजपा प्रभारी उपेंद्र यादव से मुलाकात के दौरान इस बात का प्रस्ताव रखा था कि संख्या के आधार पर सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में जगह मिलनी चाहिए मगर ऐसा नहीं हुआ।
नीतीश ने कहा कि वह चाहते थे कि बिहार में एनडीए के घटक दलों की संख्या आधार पर या फिर राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के घटक दलों के संख्या के आधार पर मंत्री परिषद का बंटवारा होना चाहिए था।
नीतीश ने कहा कि जदयू को सांकेतिक तौर पर एक मंत्री पद देना पार्टी के अन्य नेताओं को नागवार गुजरा। इसलिए पार्टी ने फैसला किया कि हमें एक भी मंत्री पद नहीं चाहिए।
भाजपा से नाराज नीतीश ने यह भी ऐलान कर दिया कि भविष्य में अगर नरेंद्र मोदी कैबिनेट का विस्तार होता है और उनकी पार्टी को मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता मिलता है, तो भी उनकी पार्टी इसमें शामिल नहीं होगी।
नीतीश ने साफ संकेत दे दिए हैं कि सरकार के शुरुआत में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से वे आहत हैं और भविष्य में अगर जदयू को मोदी सरकार में शामिल होने का मौका मिलता है तो भी वह ऐसा नहीं करेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा, ”हमें सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है। जब मुझसे कहा गया कि एक मंत्री जदयू को दिया जाएगा तो मैंने कहा कि हमें नहीं चाहिए।लेकिन मैं इस बारे में अपनी पार्टी के सदस्यों से बातचीत करूंगा।जब हम साथ हैं तो हमें किसी भी तरह की सांकेतिक हिस्सेदारी की जरूरत नहीं है”।