“राज्य सरकार 67 हजार पारा शिक्षकों का अनुबंध खत्म करेगी। इसके लिए पारा शिक्षकों को नियमानुसार एक महीने का नोटिस दिया जाएगा। इसके पूरा होते ही उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी। राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है….”
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने बताया कि अनुबंध पर बहाल कर्मचारी अगर काम छोड़ते हैं या उन्हें हटाया जाता है तो उन्हें एक महीने का नोटिस दिया जाता है। पारा शिक्षकों के लिए भी यही प्रक्रिया शुरू की गई है। इन्हें विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से नोटिस जारी होगा, जबकि प्रखंड, जिला व राज्य मुख्यालय स्तर से इसकी मॉनीटरिंग की जायेगी।
उन्होंने बताया कि विद्यालय प्रबंध समिति रिक्त पदों पर टेट पास अभ्यर्थियों की बहाली भी करेगी। इसके लिए 50 हजार टेट पास अभ्यर्थियों की सूची भेजी गई है। सभी अपने क्षेत्र के विद्यालय प्रबंध समिति में आवेदन कर सकेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पारा शिक्षकों की मांगों को सरकार ने समय-समय पूरा किया है। राज्य स्थापना दिवस पर अराजकता फैलाने वाले जेल में बंद और प्राथमिकी में नामजद पारा शिक्षकों को बर्खास्त किया जायेगा।
मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने इन पारा शिक्षकों की जगह टेट पास 50 हजार अभ्यर्थियों की बहाली का निर्देश दिया है। जो पारा शिक्षक नामजद होने के बाद भी पकड़ से बाहर हैं, उनकी गिरफ्तारी का भी निर्देश दिया गया है।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी जिलों के डीसी व एसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिया। पारा शिक्षकों के काम पर लौटने की जो तारीख सरकार ने तय की थी, उसमें बदलाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि सूचना मिल रही है कि कुछ पारा शिक्षकों को काम पर लौटने पर जुर्माना और मारपीट की धमकी दी जा रही है। ऐसे शिक्षकों को सुरक्षा दी जाये।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि सरकारी शिक्षकों की प्रतिनियुक्त अन्य स्कूलों में नहीं करें। शिक्षा सचिव ने बिना वैध कागजात के पारा शिक्षक बने लोगों पर कार्रवाई का भी निर्देश दिया।