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    Saturday, April 20, 2024
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      2रा वीडियोः आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयनकर्ता की भूमिका में था यह वर्दी वाला ‘गुंडा’

      बिहार में सुशासन बाबू की सरकार है। पुलिस को पब्लिक के साथ फ्रेंडली व्यवहार करने की हिदायत दी जाती है, मगर नालंदा पुलिस अपनी संदिग्ध कार्यशैली से बाज नहीं आ रही….

      nalnda police open crime 0बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। विगत  21 अगस्त को नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के आत्मा पंचायत के वार्ड संख्या 5  में हो रहे आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन के दौरान का जो वीडियो उपलब्ध हुआ है, उसमें साफ तौर पर देखा जाता है कि उस पूर्व निर्धारित आम सभा के दौरान इस्लामपुर थाना में पदस्थापित पुलिस जमादार सत्येंद्र सिंह अपने सुरक्षा के कर्तव्य से कहीं भटक कर वह पर्यवेक्षिका के कर्तव्य को निभा रहा है और खुद ही सेविका सहायिका के चयन में सुरक्षा से ज्यादा चयनकर्ता का किरदार निभा रहा है।

      उस चयन आमसभा के समय रिकार्डेड वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के चयन में हो रहे भ्रष्टाचार पर ग्रमीण धर्मेंद्र कुमार ने आपत्ति करते हुए वहां मौजूद पर्यवेक्षिका से चयनित का मूल प्रमाण पत्र की मांग की एवं केवल इतना ही कहा कि यह तो मनमानी हो रहा।nalnda police open crime 1

      धर्मेंद्र का बस इतना बोलना ही इसके लिए महंगा हो गया और अपने वरीय पदाधिकारियों के पुलिस पब्लिक फ्रेंडली आदेश निर्देश को यूं ताक पर रखकर वहां मौजूद इस्लामपुर थाना के उन्मादी जमादार सत्येंद्र सिंह और एक सिपाही ने आग बबूला होकर आपत्ति कर रहे आपत्तिकर्ता धर्मेंद्र कुमार के ऊपर बेवजह थप्पड़ चला दिया, जिससे वहां मौजूद ग्रामीणों में उन्माद का माहौल फैल गया।

      और पुलिस पब्लिक के बीच में झड़प हो गई देखते देखते ग्रामीण के दो गुट के बीच रोड़ेबाजी शुरू हो गई। पुलिस मामला को बढ़ता देख कर पहले फायरिंग भी कर दी, जिसमें एक महिला रिंकू देवी को पैर में पुलिस की गोली लगी, जिससे वह घायल हो गई और तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।nalnda police open crime 1

      वहीं आत्मा पंचायत के मुखिया पति चंद्रभूषण यादव ने बताया कि पुलिस की मिलीभगत से कुछ अपराधकर्मी दूसरे जगह से आए हुए थे, जो उनकी हत्या करने की मंशा से आए थे, मगर वह वहां मौजूद नहीं थे।

      बकौल मुखिया, आपत्तिकर्ता का मांग जायज थी। वहां मौजूद आंगनबाड़ी की पर्यवेक्षिका से उन्होंने केवल चयनित अभ्यर्थी के मूल प्रमाण पत्र को दिखाने की मांग की। बस इतना में ही वहां मौजूद इस्लामपुर थाना के जमादार सत्येंद्र सिंह आग बबूला होकर आपत्तिकर्ता को आकर थप्पड़ मार बैठा।

      सवाल उठता है कि जब आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन की आमसभा में पुलिस समाज की सुरक्षा के बजाय प्राप्त वीडियो के अनुसार खुद को एक पर्यवेक्षिका का किरदार निभाएगा और माहौल को भड़कयेगा तो नालंदा पुलिस के ऐसे उन्मादी जमादार पर किस हद तक कार्रवाई होती है और इसके खिलाफ कब नालंदा डीएम-एसपी कार्रवाई करते हैं।   

      देखिये वीडियो कि किस बात पर कैसे खुली गुंडई करता दिख रहा है इस्लामपुर का यह पुलिस जमादार….. 

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