एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (धर्मेंन्द्र)। नालंदा जिले के एसपी नीलेश कुमार आज इस्लामपुर से जुड़े 18 साल पुराने आर्म्स एक्ट के मामले में गवाही देने हिलसा व्यवहार न्यायालय पहुंचे और एडीजे-2 दिलीप कुमार सिंह के समक्ष अपनी गवाही दर्ज कराई।
इस्लामपुर थाना में दर्ज यह मामला उस समय का है, जब श्री नीलेश कुमार हिलसा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) के पद पर कार्यरत थे।
इस्लामपुर थाना में तात्कालीन थाना प्रभारी अमरकांत चौबे द्वारा दर्ज कांड संख्या-16/2001 के अनुसार 2 फरवरी, 2001 को रात करीब सवा आठ बजे उसी दिन भादवि की धारा-364(ए) के तहत दर्ज इस्लामपुर कांड संख्या-15/2001के अनुसंधान एवं छापामारी करने हेतु सरकारी थाना जीप द्वारा आरक्षी पुलिस उपाधीक्षक नीलेश कुमार, पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र सिंह, पुअनि निखिल कुमार, हवलदार कचंन सिंह, आरक्षी अर्जुन पासवान, ललन कुमार, विनय कुमार पांडे, प्रमोद कुमार प्रस्थान किए।
इसके बाद छापामारी के क्रम में बालमत बिगहा गांव में करीब 4 बजे भोर में गुप्त सूचना मिली कि सुखी केवट अपने घर में नाजायज हथियार छिपाए हुए है। दो स्वतंत्र गवाह चुन्नी गोप और इन्द्रदेव केवट के साथ लेकर सुखी केवट के घर छापामारी की गई। छापमारी के दौरान सुखी केवट अपनी बिस्तर के नीचे 315 बोर का एक देशी कट्टा पाया गया।
दर्ज प्राथमिकी में तात्कालीन थाना प्रभारी ने दावा करते हुए लिखा है कि सुखी केवट अपनी बिस्तर के नीचे अपराध करने के लिए नाजायज हथियार रखे हुए थे, जोकि भादवि की धारा- 25 (1) बी, 26,35 सशस्त्र अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय है।
उधर, इस मामले में आरोपी की शिकायत है कि तात्कालीन डीएसपी संप्रति वर्तमान एसपी नीलेश कुमार के ईशारे पर उसे एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए एक शाजिस के तहत फर्जी मुकदमा कर आर्म्स एक्ट के तहत फंसाया गया था, जिसकी पुष्टि एफआईआर और अनुसंधान में साफ झलकती है।