अन्य
    Saturday, April 20, 2024
    अन्य

      हिलसा PGRO से उपर लोक प्राधिकार,1 साल में 18 तिथि, सुनवाई जारी

      नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय का हाल तो और भी बुरा है। यहां एक साल तक लोक प्रधिकार कोई जांच या दिए आदेश पर उपस्थित होना तो दूर अपना प्रतिवेदन तक नहीं देता है और पदस्थ पदाधिकारी खुद को लाचार बताते हैं…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। एकंगरसराय के खोजपूरा के कंजाल गांव निवासी शैलेन्द्र कुमार ने एक अनन्य संख्या- 42711022312 1700830 तिथि- 23.12.2017 को ही दायर कर रखी है। लेकिन आज 17 दिसम्बर, 2018 तक वाद पर सुनवाई की तिथि- 30.11.2018 11 दर्शाते हुए सुनवाई जारी है।

      1

      श्री कुमार का परिवाद “भवदीय के निर्णय को लोक प्राधिकार सह अंचल अधिकारी एकंगर सराय द्वारा अब तक अनुपालन नही कर झूठा प्रतिवेदन देने के विरुद्ध समुचित विभागीय एवं क़ानूनी करवाई करने के सम्बन्ध में” है।

      हिलसा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा तिथि-28.11.2018 को दिए आखिरी अन्तरिम आदेश में लिखा है कि

      लोक प्राधिकार, अंचल अधिकारी, एकंगरसराय के प्रतिनिधि श्री राजीव कुमार, लिपिक, अंचल अधिकारी, एकंगरसराय के प्रतिवेदन पत्रांक- 2489 दिनांक-05.11.18 के साथ उपस्थित। उल्लेखनीय है कि परिवाद के निवारण की नवमी विस्तारित समय-सीमा दिनांक- 09.11.18 को समाप्त हो रही है, परन्तु परिवाद का वास्तविक निवारण नहीं किया गया है। अतः परिवाद के वास्तविक निवारण हेतु इसे दिनांक- 04.12.18 तक पुनः विस्तारित करते अंचल अधिकारी, एकंगरसराय को निदेश दिया जाता है कि सुनवाई की अगली तिथि दिनांक- 30.11.18 को पूर्वाह्न 11:00 बजे अतिक्रमण हटाने के सम्बन्ध में अब तक क्या कार्रवाई की गई है, से सम्बंधित सभी अभिलेखों के साथ अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करें। अभिलेख दिनांक- 30.11.18 को रखें”2

      इस अन्ययन वाद को लेकर पिछले एक साल की सुनवाई में अब तक कुल 18 तारीखें दी गई, लेकिन वादी की शिकायत यथावत है।

      इस बाबत जब हिलसा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना है कि यहां कोई लोक प्राधिकार सुनता ही नहीं है और जब सुनता ही नहीं है तो उसमें वे क्या कर सकते हैं।

      जब उन्हें लोक शिकायत निवारण अधिनियम में प्रदत शक्तियों की याद दिलाई गई तो उनका कहना रहा कि उन्हें लापरवाह लोक प्राधिकारों को लेकर अधिकार प्राप्त होने की जानकारी कोई नहीं है। अधिनियम-8 के प्रति भी अनभिज्ञता प्रकट की और उसका अध्ययन करने की बात कही।

      सवाल उठता है कि जब लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का यह हाल है तो फिर सीएम नीतीश कुमार के निर्धारित समय सीमा के भीतर “आपका काम होगा, निश्चित तौर पर होगा” की चिंघाड़ के मायने क्या रह जाते हैं।3 4 5

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!