हिलसा (धर्मेन्द्र)। सरकार संरक्षित बालिक सुरक्षा गृह बलात्कार कांड और दलितों के बढ़ते हमले के विरोध में वामदलों के बिहार बंद का असर हिलसा में दिखा। अहले सुबह से ही बंद समर्थक सड़क पर उतरकर नारेबाजी करना शुरु कर दी।
हिलसा शहर की सड़कों पर नारेबाजी करने के बाद बंद समर्थक के निकट बीच सड़क पर धरना पर बैठ गए। इस कारण शहर में छोटे वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गयी। वाहनों और लोगों की आवाजाही नहीं होने से बाजारों की रौनक फिकी रही। सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों में भी अन्य दिनों की तरह भीड़-भाड़ नहीं दिखा।
धरना सभा में नेताओं ने कहा कि सरकार संरक्षित बालिका सुरक्षा गृह में बच्चियों के साथ बालात्कार हो जाता है। शराबबंदी कानून की आड़ में दलितों पर जुल्म ढाहा जा रहा है। आरोपी पेशी के दौरान ठहाके लगा रहा है।
ऐसा लगता है कि अपराधियों में कानून का भय खत्म हो चुका है। फिर भी सरकार बिहार में कानून का राज होने का दावा कर रही है। सरकार का इस दावे में कितना दम है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
नेताओं ने कहा कि मासूम और दलितों को न्याय दिलाने के लिए शुरु हुआ आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब न्याय नहीं मिल जाता।
इस मौकं पर माले नेता दिनेश कुमार यादव, शिवशंकर प्रसाद, मुन्नीलाल यादव, शैलेश यादव, संजय पासवान, विजय यादव, अखिलेश पासवान, कामेश्वर प्रसाद, विजेन्द्र चौधरी सीपीआईएम के तिलकचंद प्रसाद, विजेन्द्र प्रसाद, बालेश्वर यादव, राजकिशोर प्रसाद, उपेन्द्र शर्मा, राजद के नवल यादव, संजय यादव, रामाशीष यादव, लोकतांत्रिक जनता दल सेक्यूलर के सुखदेव यादव आदि मौजूद थे।