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    Thursday, April 25, 2024
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      हिलसा भूमि निबंधन कार्यालय का खेला,पत्रकार के दुकान-मकान की यूं कर दी फर्जी रजिस्ट्री

       “बिहार के नालंदा जिले में भूमि निबंधन कार्यालयों की मिलीभगत से सरकारी व प्रतिबंधित भूमि की रजिस्ट्री चरम पर है। भू-माफियाओं-दलालों की चंगुल में जकड़े हिलसा अवर भूमि निबंधन कार्यालय का तो कोई सानी ही नहीं है। यहां रिश्वत  के सामने सरकारी कायदा-कानून या आदेश-विर्निदेश कोई मायने नहीं रखते।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। हद तो तब हो जाती है, जब जिम्मेवार वरीय पदाधिकारी भी ऐसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई करने की जगह भू-माफियाओं-दलालों के सामने दूम हिलानें लगते हैं।ISLAMPUR LAND CRIME HILSA 2

      हिलसा अनुमंडल के मौजा- इस्लामपुर, महल्ला- हनुमानगंज, थाना व अंचल- इस्लामपुर, स्थित तौजी नबंर-10194, थाना नंबर-106, वार्ड नबंर-7 स्थित खाता नंबर- 673, खसरा नबंर-7931/5201, कुल रकबा- 0.179 की बिना किसी जांच के रजिस्ट्री कर दी गई। यह भूमि गैरमजरुआ मालिक व्यावसायिक जमीन है।

      बिहार सरकार के आदेशानुसार इस प्रकृति की जमीन की रजिस्ट्री नहीं होनी है औ न हीं उसकी दाखिल खारिज। ऐसे भी किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के पूर्व अंचल कार्यालय से जांच कराई जाती है। उसकी करेंट लगान रशीद कटवाई जाती है।ISLAMPUR LAND CRIME HILSA 3

      लेकिन हिलसा अनुमंडल अवर भूमि कार्यालय के बाबूओं ने सब कुछ नजरंदाज करते हुये आम गैरमजरुआ जमीन की सीधे ऑनलाइन रजिस्ट्री कर दिया। जाहिर है कि इस खेल में हर स्तर पर रिश्वत ली गई है। विलेख जांचकर्ता लिपिक, कंप्यूर ऑपरेटर लिपिक से लेकर अवर निबंधक तक की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है।

      बिक्रीनामा में साफ उल्लेख किया गया है कि यह भूमि बिहार सरकार, गैरमजरुआ आम, कैसरे हिन्द, खास महल या अन्य खाता से संबंधित नहीं है। यह भूमि भू हदबंदी अधिनियम 1963 की धारा (1) के तहत प्रारुप या 15(1) के तहत जिला गजट अधिसूचना में कभी प्रकाशित नहीं की गई है। यह भूमि बन्दोवस्ती, नीलामी सूची, भूदान एंव लालकार्ड से संबंधित नहीं है। इसकी संपुष्टि खुद अवर भूमि निबंधक स्तर से की गई है।

      सबसे गंभीर पहलु यह है कि क्रेता और विक्रेता के हस्ताक्षर से हीं हिलसा अवर निबंधक कार्यालय में स्थल जांच से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त कर उसकी संपुष्टि कर दी गई है और इस फर्जी प्रतिवेदन में चिन्हित भूमि की प्रकृति सिर्फ व्यवसायिक बताई गई है।ISLAMPUR LAND CRIME HILSA 1

      दरअसल, भूमि निबंधन प्रावधानों के अनुसार भूमि निबंधन के पहले अवर निबंधक द्वारा सबंधित क्षेत्र के अंचलाधिकारी से जांच प्रतिवेदन मांगी जानी चाहिये। लेकिन जहां मुंह मांगी रिश्वत मिल जाती है, वहां सब कागज पर ही कर लिया जाता है और जहां रिश्वत मिलने की गुंजाईश नहीं होती, सिर्फ उन्हीं मामलों में अंचलाधिकारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त करने के निर्देश दिये जाते़ हैं।

      जांच प्रतिवेदन का आशय है कि अंचलाधिकारी के स्तर से सर्वे खतियान में जमीन की प्रकृति, वर्तमान प्रकृति, पंजी-2 में दर्ज रैयत के नाम, भूमि पर किसी प्रकार के बनाबट और संरचना संबंधित रिपोर्ट से होता है।

      बहरहाल, इस्लामपुर की जिस जमीन को भू-माफियाओं ने हिलसा अवर भूमि निबंधन कार्यालय में फर्जी ढंग से निबंधित कराई है, उस पर स्थानीय पत्रकार राम कुमार वर्मा का पेशागत व्यवसाय है। फर्जीबाड़ा कर जबसे उनकी व्यवसायिक भूमि को बेचा गया है, वे काफी तनाव में डरे सहमे हैं।

      हालांकि इस बाबत इस्लामपुर सीओ विजय कुमार का साफ कहना है कि चिन्हित भूमि की जिस तरह से खरीद-बिक्री की गई है, वह सरकारी नियमों-आदेशों के अनुसार एक जघन्य अपराध है। उस भूमि का दाखिल खारिज करने का सबाल ही नहीं उठता। फिलहाल जिनकी रोजी-रोजगार व दखल-कब्जा है, उन्हीं की मानी जायेगी।ISLAMPUR LAND CRIME HILSA 4

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