“इधर राजगीर के वार्ड पार्षद पानी नहीं तो वोट नहीं कहने लगी और उधर राजगीर की जनता एसी ढूंढने लगी……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बात गर्मी की हो और नगर पंचायत राजगीर से एक साल से खोया हुआ एयर कंडीशन अब जाकर मिलने से थोड़ी राहत तो जनप्रतिनिधियों को मिल ही गयी है।
मामला 2018 का ही है जब गर्मी से बचने के लिए कुल सात एसी खरीदे गए। लेकिन कार्यालय में सिर्फ 5 ही एसी पहुँची और बिल बने 7 एसी के।
इधर राजगीर के वार्ड पार्षद पानी नहीं तो वोट नहीं कहने लगी और राजगीर की जनता एसी ढूंढने लगी।
उसके बाद सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुपों में खोया हुआ एसी खोजा जाने लगा।
अचानक तीन दिन पूर्व दो एसी नगर पंचायत कार्यालय पहुंच गए, जिसे किसी ने ले जाते भी नही देखा।
स्थानीय लोग आरोप लगा रहे है कि दो एसी नगर के जनप्रतिनिधियों के घर की शोभा बढ़ा रहे थे।
जब ये मामला सामने आ गया तो नया खरीदकर लगा दिया गया।
फिलहाल कार्यालय के सभाकक्ष में दोनों एसी लगा दिए गए है, लेकिन बोर्ड के जनप्रतिनिधियों और कार्यालय के भण्डारपाल की भूमिका सन्देह में है।
नगर पंचायत के विपक्षी सूत्रों की माने तो जिस भण्डारपाल गिरानी यादव की नियुक्ति की गई है वह जनप्रतिनिधि का रिश्तेदार है।
जिसकी बहाली के लिये सशक्त स्थायी समिति की बैठक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की उपस्थिति में हुई तब तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी मुजफ्फर बुलन्द अख्तर ने नगर विकास विभाग के आलोक में रोक लगा दी थी।
किन्तु रिश्तेदार की नियुक्ति के लिए पुनः 4 मई 2018 को प्रस्ताव लाकर भण्डारपाल में 8 हज़ार रुपए मासिक पर अवैध नियुक्ति कर दी गयी।
सवाल यह उठता है कि जब पूर्व से यहां भण्डारपाल कार्यरत थे तो नए लोगो की बहाली कर बड़ी जवाबदेही देकर कही अपना काम तो नही निकाला जा रहा है। बहरहाल, पब्लिक है सब जानती है।