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    Friday, April 19, 2024
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      सीएम हेमंत सोरेन ने दिए पल्स अस्पताल के जमीन की जांच के आदेश

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क।  भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने राजधानी रांची के बरियातू रोड के पास बन रहे पल्स अस्पताल की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश रांची डीसी को दिया है।

      पत्रकार नारायण विश्वकर्मा ने हेमंत सोरेन को टैग कर एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि जिस जमीन पर पल्स अस्पताल बन रहा है, वो जमीन आदिवासी की जमीन है और भूईंहरी नेचर की है।

      ट्वीट का जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने रांची डीसी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा है कि “रांची डीसी कृपया मामले की पूरी जांच करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए सूचित करें।”hemat soren twitter

      नारायण विश्वकर्मा ने हेमंत सोरेन को टैग करते हुए ट्वीट में लिखा है कि “रांची में आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।

      आदिवासी की जमीनी हकीकत के कई फसाने मीडिया में सुर्खियां जरूर बने, पर हुआ कुछ नहीं। आदिवासी की भूईंहरी जमीन की न रसीद कटेगी न रजिस्ट्री होगी। लेकिन सभी नियम को ताक पर रख कर हर कीमत पर आदिवासी जमीन हथिया ली गयी।

      तस्वीर में जो गगनचुंबी इमारत दिख रही है वो बरियातू रोड के रिलायंस फ्रेश के बगल की है। आइए हम आदिवासी जमीन के जमींदोज हो चुके संक्षिप्त इतिहास पर एक नजर डालें।

      अंचल बड़गांई। मौजा मोरहाबादी। थाना नंबर-192। खाता संख्या-162। खेसरा संख्या 1248 की 33 डिसमिल भुईहरी जमीन में से करीब तीन कट्ठा जमीन की रसीद अरुण कुमार जैन के नाम से कटा ली गयी। बाद में लैंडलॉर्ड के परिवार ने बड़गांई अंचल में शिकायत की।pulse land crime 1

      अंचल कार्यालय में केस नंबर 1120-2017/18 में निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर पूर्व सीओ विनोद प्रजापति ने भी भुईंहरी खाते की जमीन को सरकार में निहित नहीं माना और खारिज कर दिया।

      इसके बावजूद इस जमीन का रांची नगर निगम से नक्शा पास हुआ और एचडीएफसी बैंक से लोन पास करा लिया गया। अब इमारत का निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है।

      इमारत के पास पल्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का बोर्ड लगा हुआ है। इमारत का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। इस मामले में शरना सोतो संगम के सचिव राजेश मुंडा ने 2 अप्रैल 2019 को सीएम जन संवाद केंद्र में शिकायत की थी।

      जनसंवाद केंद्र ने हाल में राजेश मुंडा को बताया कि इस मामले को सक्षम न्यायालय में ही सलटाया जा सकता है। जमीन से जुड़े सारे कागजात सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रदेव लाल के पास सुरक्षित हैं।

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