बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। प्राचीन उदंतपुरी जो आज नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के नाम से प्रसिद्ध है। सीएम नीतीश कुमार का यह गृह जिला क्षेत्र भी है।
यहां प्रसिद्ध सूफी हजरत शेख सर्फउद्दीन अहमद यहीया मनेरी रह एवं संत शिरोमणि बाबा मनीराम की कर्म स्थली सह निर्वाण स्थल है। इन दोनों स्थलों पर जिला प्रशासन के द्वारा प्रत्येक वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है और देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु लोग जुटते हैं।
मगर अफसोस इस बात की है कि नगर निगम सह जिला मुख्यालय के इस क्षेत्र में नईसराय चौराहा से खंदक मोड चौराहा से होते हुए महल पर होते हुए नीम गंज के रास्ते जो सड़क बाबा मनीराम के समाधि स्थल के रास्ते से होते हुए बड़ी दरगाह स्थित मजार तक जाती है, वह जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण काफी जर्जर अवस्था में है। जिसका कारण आए दिन शहर में प्रतिदिन घंटो जाम का सामना करना पड़ता है।
जबकि बिहार शरीफ कि ताज इन्हीं दो सूफी संतों पर बसा है और नालंदा जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिवर्ष बड़ी दरगाह स्थित मजार पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई राजनीतिक हस्तियां तथा प्रशासनिक पदाधिकारियों के द्वारा बड़ी दरगाह पर चादरपोशी कर पांच दिवसीय चिरागा मेला का आयोजन होता है।
वहीं दूसरी ओर बाबा मनीराम के समाधि स्थल पर भी प्रतिवर्ष जिला प्रशासन समेत राजनीतिक हस्तियां लंगोट चढ़ाकर पांच दिवसीय लंगोट मेला का आयोजन करता है इस दौरान शहर में व्यस्तता बढ़ी रहती है और मेले में देश विदेश से लाखों की संख्या में लोग जुटते हैं। इन्हीं सूफी संतों के समक्ष मत्था टेक जिला समेत सूबे में अमन चैन की दुआ मांगते हैं।
आखिर इतनी बड़ी हस्तियां के कदम यहां तक पहुंचने के बावजूद भी यहां तक पहुंचने वाली सड़क क्यों उपेक्षा का शिकार हो रहा है और जर्जर हालत में है? जिला प्रशासन एवं राजनीतिक रहनुमाओं के द्वारा उपेक्षा का शिकार बना हुआ है यह सड़क?