“वर्तमान में ‘सब धान बाईस पसेरी’ की तर्ज पर प्रोमोशन मिलता है। जिससे मेहनत करने वाले कर्मी/पदाधिकारी के अंदर एक प्रकार का नैराश्य का भाव रहता है…..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। सरकारी नौकरियों में आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन का प्रावधान होना चाहिए। सरकार को प्रोमोशन के लिए भी विभागीय परीक्षा लेनी चाहिए। ताकि योग्य,कर्मठ और जानकार कर्मी/ पदाधिकारी आगे बढ़ सकें।
योग्य व्यक्ति को योग्य कुर्सी मिलनी ही चाहिए। अभी आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन न होने के कारण काम करने वाले और जानकार कर्मी/पदाधिकारी उतना काम नहीं करते, जितना वो कर सकते हैं।
काम करने वाले और काम न करनेवाले के बीच अंतर विभागीय परीक्षा से ही तो मालूम चलेगी।
जब कर्मठ एवं जानकार लोगों को भी प्रोमोशन क्रमवार ही मिलेगा तो वो भी यही सोचेंगे कि “ज्यादा मेहनत करने से क्या फायदा,कोई प्रोमोशन थोड़े ही पहले मिल जाएगा”।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज की तारीख में कई ऐसे पदाधिकारी/कर्मी ऊपर के पद पर जानकारी न होने के बावजूद पहुँचे हुए हैं, जो अपने नीचे के पदाधिकारियों / कर्मियों को उचित मार्गदर्शन दे पाने में सक्षम नहीं हैं।
साथ ही अधीनस्थ जानकार लोग उनकी आँखों में खटकते हैं। यह सामान्य मनोविज्ञान है।
विभागीय परीक्षा से प्रोमोशन मिलने से किसी के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा। जब योग्यता के अनुसार ही कुर्सी मिलेगी तो प्रोमोशन पाने के लिए मेहनत कर आगे निकलने की होड़ रहेगी, जो बदलते बिहार के लिए एक शुभ संकेत होगा।