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    Thursday, April 25, 2024
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      सरकारी तंत्र की मिलीभगत से जारी है बालू का अवैध धंधा

      सरिया (आसिफ अंसारी)। बालू के अवैध धंधे में ग्रास रुट लेवल पर काम करने वाले सरकारी एजेंसियों की मिलीभगत से सरिया अनुमंडल में बालू के गैर कानूनी व्यापार में आम आदमी से लेकर खास आदमी तक शामिल हो गए हैं। इसका नतीजा है कि बालू जैसी प्राकृतिक संपदा विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। सरकारी भ्रष्टाचार के साए तले होने वाले बालू के इस धंधे में सभी मालामाल हो रहे हैं और नदियों का स्वरूप बदलता जा रहा है।

      पर्यावरणविदों का तर्क है कि बालू का लगातार दोहन जिस प्रकार से हो रहा है उस से भविष्य में बड़ी परयावरणीय संकट उत्पन्न हो सकता है। सनद रहे कि बालू के इस अवैध धंधे का नेटवर्क अनुमंडल के कोने-कोने तक फैला हुआ है।

      प्राप्त सुचना के अनुसार सरिया अनुमंडल अंतर्गत सबलपुर पंचायत का उर्रो घाट  एवं  बागोडीह पंचायत का झरहा घाट बालू के इस नाजायज खेल का सबसे बड़ा मंडी बना हुआ है। जहां से जेसीबी एवं पॉपलेन जैसी मशीनों से बराकर नदी से बालू का उठाव कर आस पास के मैदान में डम्प किया जाता है। शाम होते ही बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोडिंग शुरू हो जाता है। यहां से दर्जनों ट्रक बालू लादकर बिहार एवं उड़ीसा भेजने का काम प्रतिदिन हो रहा है।

      ओवरलोडिंग का हाल मत पूछिए। हाइवा जब लोड होकर सरिया बाज़ार से गुजरती है तो मानो प्रतीत होता है कि कोई मदमस्त हाथी गुजर रहा हो, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

      खेल यहीं खत्म नहीं होता है ट्रकों में भीगा हुआ बालू लोड होने के कारण पुरे रास्ते सड़कों पर पानी गिरता रहता है। जिस कारण हाल ही में निर्मित करोड़ों की लागत से बनी सड़कों की हालत जर-जर होती जा रही है।

      बताते चलें कि जिस रास्ते से बालू लदे हाइवा एवं ट्रक गुजरती है उसी रास्ते में दर्जनों स्कूल एवं स्थानीय अधिकारियों के कार्यालय एवं आवास हैं। स्कूल के छुट्टी के समय किसी स्कूल बस के आगे बालू लदा हाइवा होने से बालू उड़कर बच्चों के आँखों में पड़ना आम बात है। जिससे बच्चों के आँखों पर बुरा असर पड़ना लाज़िम है।

      परंतु आंखों में काली पट्टी बांधे हमारे प्रशासनिक अमले को नदियों के किनारे मैदानों में बड़े बड़े बालू के डम्प एवं हाइवा से उड़कर आमजन तथा बच्चों के आँखों में पड़ने वाला बालू दिखाई नहीं पड़ता है।

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