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    Friday, April 19, 2024
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      सत्तालोलुप पार्टी नहीं है रालोसपाः उपेन्द्र कुशवाहा

      दुनिया में कोई भी कार्य असंभव ननहीं है। मगर कुछ कीमत होती है। जिसे चुकाना पड़ता है। और उस कीमत को मेहनत कहते हैं। अत: लक्ष्य निर्धारण कर मेहनत कर हर कार्य को संभव बनाया जा सकता है। आज देश की सबसे बड़ी ताकत हमारा यूवा वर्ग है।”

      राजगीर  (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। उक्त बातें यूवा लोक समता के तत्वावधान में  अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित  दो दिवसीय यूवा राजनैतिक प्रशिक्षण शिविर का दीप प्रज्जवलित करते हुए रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रिय राज्य मंत्री मानव संसाधन विकास विभाग के केन्द्रिय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने शनिवार को कही।rajgir ralospa convention 1

      उन्होंने रालोसपा के यूवा ईकाई के उपस्थित यूवा कार्यकर्ताओं मे उर्जा भरते हुए कहा कि आप सभी हमारे पार्टी के रीढ हैं। जिससे पार्टी को ताकत व उत्साह प्राप्त होता है।

      उन्होंने कार्यकर्ताओं मे उमंग का संचार करते हुए कह कि शिविर के माध्यम से मिली प्रशिक्षण को ईमानदारी से ग्रहण करना चाहिए। जिसमे बेहद अनुशासित होना प्राथमिकता में है ।

      उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर व्यक्ति चाह ले तो वह भ्रष्टाचार से स्वयं को दूर रखने मे सक्षम है।

      उन्होंने  प्रथम सत्र के प्रशिक्षण शिविर के दौरान  कई विषयों मे पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने पहले विषय में राजनीति मे यूवाओं की भागीदारी पर  प्रकाश डालते हुए कहा कि यूवाओं की राजनीति मे क्यों आना चाहिए तथा उनकी इस क्षेत्र में क्या भूमिका होनी चाहिये।

      उन्होंने कहा कि वर्तमान मे सोशल मीडिया एक सर्वसुलभ ताकत आम आदमी के हाथ मे आ चुकी हैं। जिसका अनावश्यक प्रयोग किसी भी दृष्टिकोण से अनुचित है। जिसका सदुपयोग कर समाज को नई दिशा देना चाहिए।

      उन्होंने आगे कहा कि रालोसपा की हर गतिविधियों से राज्य ही नहीं देश के सभी पार्टियों की  सैद्धांतिक पार्टी रालोसपा पर निगाह टिकी हुई है। अपने सिद्धांतों के बल पर पार्टी ने आम आदमी के सौ फीसदी का भरोसा जीतने मे कामयाब रही है। जिसमे उक्त अपेक्षाओं पर खरा उतरना पार्टी की जिम्मेदारी है।rajgir ralospa convention 2

      पुराने दलों के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कार्यकर्ताओं के समय का भरपूर उपयोग कर तो लिया जाता था। लेकिन समय निकल जाने के बाद पुराने कार्यकर्ताओं का चेहरा नेपथ्य मे गायब तथा नये चेहरे मंच पर नजर आते थे। जो कि यह एक प्रकार से कार्यकर्ताओं के प्रति बेईमानी व अन्याय हुआ करता था। कोई भी संगठन अगर अपने कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दे सकता तो वह समाज को भी सम्मान के दृष्टि से नहीं दख सकता है।

      उन्होने कहा कि हमारी पार्टी सिर्फ सत्ता लोलुप पार्टी की कतार मे नहीं है। स्वार्थसिद्धि भाव से सिर्फ सत्ता हथिया तो जा सकता है। मगर समाज व देश की विकास की परिकल्पना रसातल मे चली जाती है। सत्ता सिर्फ उपभोग के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए लेनी चाहिए। जिसमे शोषित वंचित लोगों के हित को प्राथमिकता मे रख कार्य करना सत्ता का सच्चा सुख होना चाहिए।

      उन्होंने कहा कि अनुशासन ही देश को महान बनाता है। भारतवर्ष एक यूवा बाहुल्य देश है।  पार्टी के सिद्धांतों व समाजिक सारोकार सह मानवीय संवेदनाओं से लबरेज आचरण, अनुशासन व व्यवहार से लैस यूवा कार्यकर्ताओं का निर्माण हमारा प्रमुख सपना है। 

      इस दौरान मंच पर रालोसपा के प्रधान महासचिव रामबिहारी सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता भगवान सिंह, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष  राजेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष  भूदेव चौधरी, प्रधान महासचिव सत्यानंद दांगी,  युवा लोक समता  ईकाई के राष्ट्रीय   अध्यक्ष मो. कामरान, प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु पटेल, बिहार के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता  ई. अभिषेक झा, मीडिया प्रभारी पंकज मिश्रा,  राष्ट्रीय प्रधान महासचिव पप्पु सिंह, राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुशवाहा, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र कुशवाहा, विधायक सुधांशु शेखर सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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