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    Friday, April 19, 2024
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      शहीद होने से ठीक पहले विजय सोरेंग पत्नी से बोले थे- श्रीनगर जा रहे हैं, पता नहीं लौट पाएंगे कि नहीं

      “झारखंड प्रांत के गुमला के बसिया प्रखंड के बसिया फरसमा गांव के विजय सोरेंग सीआरपीएफ में हवलदार के पद पर तैनात थे। उन्होंने गुरुवार दोपहर 12 बजे ही पत्नी बिमला से फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि बर्फबारी के बाद श्रीनगर का रास्ता दो दिन से बंद था। अजा ही खुला है। हम लोग श्रीनगर जा रहे हैं। पता नहीं लौट पाएंगे कि नहीं। कुछ कह नहीं सकते। बच्चों और घर के सभी लोगों का ख्याल रखना……”

      VIJAY SORENG 1गुमला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए झारखंड के गुमला निवासी विजय सोरेंग के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और परिवार को दस लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

      यह एलान सीएम रघुवर दास ने शुक्रवार को ट्वीट कर किया है। सीएम ने विजय सोरेंग को नमन किया। उनके मुताबिक इस कायराना हमले का देश करारा जवाब देगा। दुख की इस घड़ी में हम सभी शहीद विजय के परिवार के साथ खड़े हैं।

      जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में वीरवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हुए थे। इसमें झारखंड के गुमला निवासी हेड कांस्टेबल विजय सोरेंग के भी शहीद होने की सूचना मिली थी। विजय सीआरपीएफ के 82वीं बटालियन में तैनात थे।

      उधर शहीद विजय के छोटे भाई संजय सोरेन ने कहा कि टीवी व नेट के जरिये बड़े भाई के शहीद होने की जानकारी मिली है। प्रशासन या सीआरपीएफ की ओर से इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।VIJAY SORENG 2

      विजय ने गुरुवार दोपहर 12 बजे के करीब घर पर फोन कर परिवार का हाल लिया था। कहा था कि कश्मीर जा रहे हैं। विजय के परिवार में पिता वृष सोरेंग, माता लक्ष्मी सोरेंग, पत्‍‌नी करमेला सोरेंग और चार बच्चे हैं।

      शहीद के पिता बिरीश सोरेंग ने कहा कि मुझे गर्व है मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ। पर सरकार को जल्द से जल्द इसका बदला लेना चाहिए।

      विजय के भाई संजय महतो ने बताया कि विजय एक फरवरी को 8 दिन की छुट्‌टी लेकर घर आए थे। विजय के पांच बच्चे हैं। दो लड़के और तीन लड़कियां। सबसे बड़ा बेटा 16 साल का है। सबसे छोटी बेटी 2 साल की है।

      पिता बिरीश सोरेंग और भाई संजय किसान हैं। खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण बड़ी संख्या में शहीद के घर पर जमा होकर परिवार को दिलासा दे रहे हैं।Untitled

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