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    Wednesday, April 24, 2024
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      शराबबंदी की आड़ में यूं हो रही अवैध ऊगाही, पैसे लेकर डॉक्टर ने दिए ‘नो-अल्कोहल’ सार्टिफिकेट

      “हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर ने जहां नशे में धुत्त दोंनो चालक के अपने मेडिकल जांच में ‘नो-अल्कोहल’ का सार्टिफिकेट दिया, वहीं सदर अस्पताल के डॉक्टर ने दोंनो के नशा के सेवन की पुष्टि कर दी……”

      हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। शराबबंदी कानून की आड़ में किस तरह से अवैध ऊगाही की जा रही है, नालंदा जिले के हिलसा थाना में इसका खुलासा तब हुआ, जब नशे में धुत्त दो चालक की दो बार मेडिकल जांच कराने का मामला सामने आया।

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      पुलिस गिरफ्त में ट्रैक्टर चालक मनोज एवं विमल……

      आखिर ऐसा कैसे हो गया। क्या पुलिस को पहली मेडिकल जांच पर शंका थी। तो नहीं, ऐसा नहीं है। पहली मेडिकल जांच की सोशल मीडिया पर एक वीडियो है। इस वीडियो की भनक मिलते ही हिलसा थाना प्रभारी के पास दोबारा मेडिकल जांच के आलावे कोई चारा ही नहीं था।

      सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चालक के परिजन और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत से स्पष्ट है कि मामला मैनेज करने के लिए बीस हजार रुपये लिए। इसमें से पंद्रह हजार रुपये खुद डॉक्टर ने और पांच हजार रुपये पुलिस ने लिया।

      इतना ही नहीं वायरल वीडियो में डॉक्टर बड़ी वेशर्मी से आश्चर्य व्यक्त कर रहा हैं कि पुलिस वाले पांच हजार में कैसे मैनेज हो गये। ऐसे केस में तो पचास हजार रुपये में मैनेज होता है।

      वायरल वीडियो में डॉक्टर खुद के फंसने की बात भी कह रहा है। बातचीत के अंश से स्पष्ट होता है कि शराबियों को आरोपो से मुक्त करने के लिए ‘नो-अल्कोहल’ की आड़ में जमकर अवैध कमाई की जा रही है।

      hilsa wine crime doctor
      हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर, जिसने नशे में धुत्त दोंनो चालक के नाम ‘नो-अल्कोहल’ का जांच रिपोर्ट दिया……

      दरअसल, हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी वैभव चौधरी के निर्देश पर हिलसा थाना की पुलिस ने दो चालक को गिरफ्तार कर उसके ट्रैक्टर को जप्त कर लिया

      दोनों ट्रैक्टर चालक कौशिकनगर निवासी मनोज कुमार एवं जूनियार गांव निवासी विमल रविदास के नशे में होने के अंदेशा होने पर थानाध्यक्ष द्वारा मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया गया।

      एक पुलिस पदाधिकारी दोंनो चालक को जांच हेतु अनुमंडलीय अस्पताल ले गये। पीछे से चालक के परिजन भी पहुंचे। छोड़ने की बात चली तो डॉक्टर और पुलिस को मैनेज करने का मामला सामने आया।

      मैनेज होने पर डॉक्टर साहब नशें में धुत्त दोंनो चालक के बारे में मेडिकल जांच रिपोर्ट में ‘नो-अल्कोहल’ लिखकर दे दिया। रिपोर्ट देखकर गदगद हुए पुलिस पदाधिकारी थाना पहुंचे।

      ऐसे रिपोर्ट पर थानाध्यक्ष ने अपने पुलिस पदाधिकारी पर सवाल उठाए तो जबाव मिला कि डॉक्टर साहब चेक किए और बोले कि कुछ नहीं है। डॉक्टर की रिपोर्ट और पुलिस पदाधिकारी के तर्क से पेशोपेश में पड़े थानाध्यक्ष ने नशे में धुत्त दोनो चालक का दुबारा मेडिकल जांच सदर अस्पताल में कराने का निर्देश जारी कर दिया।

      थानाध्यक्ष के निर्देश पर बिहारशरीफ सदर अस्पताल में दोंनो का दुबारा मेडिकल जांच कराया गया। वहां वैसा ही हुआ, जैसा पुलिस पदाधिकारी को आशंका थी।

      नशे में धुत्त जिन दोनो चालक के मेडिकल जांच रिपोर्ट में हिलसा के अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर ने ‘नो-अल्कोहल’ लिखा, उन दोनो के नशे का सेवन बताया गया।

      देखिए वीडियो कि कैसे शराबी को ‘नो अल्कोहल’ सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर ने खुद खोल डाली अपनी रिश्वत की पोल…..

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