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    Saturday, April 20, 2024
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      विधानसभा चुनाव-2020ः अभी भाजपा-जदयू के बीच यूं चल रहा 20-20

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ब्यूरो)। वर्ष 2020 उपर से बिहार विधानसभा का चुनाव। लेकिन चुनाव के पहले ही भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटबारे को लेकर जारी टकराव…..

      फिलहाल किसी 20-20 मैच से कम रोमांचक तस्वीर नहीं दिख रहा है। जिस प्रकार 20-20 मैच का नतीजा किधर जाएगा, वही असमंजस भाजपा और जदयू के बीच दिख रहा है।

      सीएम नीतीश कुमार ने भले ही गठबंधन में सीटों के बंटबारे की चर्चा के बीच सब कुछ ठीक होने की बात कह दी हो, लेकिन ऐसा भी ‘ऑल इज वेल’ नहीं दिखता है।

      Prashant Kishoreजदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के द्वारा जदयू को ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान के बाद जदयू के पार्षद रणवीर नंदन ने भी पटना महानगर की छह सीटों में से तीन पर जदयू की दावेदारी ठोक दी है।

      बिहार विधानसभा चुनाव में अभी फिलहाल 10 महीनों की देरी हो, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव 20-20 मैच की तरह ही होने के आसार है।

      एक तरफ भाजपा-जदयू के बीच 15 साल की सरकार क्या चौथी बार सतासीन होगी या बाहर? इस पर चर्चा के साथ साथ भाजपा और जदयू में सीट शेयरिग भी अहम् दिखता है।

      जदयू भाजपा से ज्यादा सीटें लेने के पक्ष में है तो वही बीजेपी लोकसभा चुनाव को आधार मानकर अधिक सीटों की बात कह रही है। 2010 विधानसभा चुनाव में जदयू ने 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।

      लेकिन 2020 में सीएम नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाए रखने के लिए 125 सीटों से अधिक पर ही चुनाव लड़ना चाहेंगे।

      अभी बिहार में भाजपा-जदयू के साथ लोजपा भी सहयोगी है। सभी ने दावा किया है कि एनडीए में कोई दरार नहीं है। तीनों साथ मिलकर चुनाव भी लड़ेंगे और वापसी भी करेंगे।

      पिछली बार भी जब जदयू और भाजपा के बीच पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात आई थी, तब गृहमंत्री अमित शाह ने साफ संकेत दिया था कि भाजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी।

      TEJASVIतब बीजेपी ने कहा था जब नीतीश कुमार को नेता मान ही लिया गया है तो उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए। इसके पीछे का इशारा इस साल होने वाली विधानसभा चुनाव ही है।

      इस बार विधानसभा चुनाव में लोजपा भी सहयोगी होगी।ऐसे में एनडीए में सीटों को लेकर सिर फूटौवल तय है। जदयू 125 सीटों से कम पर तैयार नहीं दिखेगी। भाजपा को 90 सीटें ही देने को तैयार दिख रही है। शेष सीटें पर लोजपा के खाते में जा सकती है।

      इधर जदयू के विधान पार्षद रणवीर नंदन ने भी पटना महानगर की तीन सीटों पर जदयू की दावेदारी ठोक दी है।

      पटना महानगर के सभी छह सीटों पर पिछली बार जदयू ने फूलवारी शरीफ(सुरक्षित)सीट ही जीत सकी थीं। दीघा, बाकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और दानापुर सीट भाजपा के खाते में गई थी।

      दीघा से जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन बहुत कम अंतर से चुनाव हार गए थे। ऐसे में जदयू की नजर इस बार दीघा सीट पर भी रहेंगी।

      वैसे भी बिहार के लिए 2020 चुनावी साल है। जहाँ जदयू के साथ भाजपा की भी अग्नि परीक्षा होगी।

      ऐसे में सीएम नीतीश कुमार जानते हैं कि उनकी राजनीति नैरेटिव ही उनकी पूंजी है। उसी पूंजी के बल पर बिहार की राजनीति में उनके बगैर न तो बीजेपी सत्ता में आ सकती है और न ही राजद की वापसी हो सकतीं है।

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