“अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो विधानसभा चुनाव में कुड़मियों के बीच वोट मांगने नहीं जाऊंगा…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। मोदी कैबिनेट में जनजातीय मंत्रालय का प्रभार ग्रहण करने के बाद अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड के कुड़मियों को विधानसभा चुनाव के पहले एसटी का दर्जा दे दिया जाएगा।
श्री मुंडा ने उक्त बातें शपथ ग्रहण समारोह के उपरांत धनबाद से अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ महतो की अध्यक्षता में दिल्ली गई प्रतिनिधिमंडल के समक्ष कही।
उन्होंने कहा कि कुड़मियों का यह मांग आजादी के बाद से ही रहा है, परंतु कांग्रेस की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में मैंने अनुशंसा केंद्र को भेज दी थी, लेकिन जनजातीय मंत्रालय के नकारात्मक रवैये से यह काम नहीं हो पाया था। अभी मैं इस मंत्रालय में आया हूं तो इस काम को 4 माह के अंदर में निपटा लूंगा।
आदिवासियों के विरोध पर उन्होंने कहा कि झारखंड में संचालित इसाई मिशनरियां कुड़मियों का विरोध कर रही हैं। वे चाहती हैं कि ईसाइयों की तरह कुड़मियों को भी दोहरा लाभ ना मिले।
इसके अलावे पूर्व में वैसे लोगों ने इसका विरोध किया था, जो अभी सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए हैं। उनका तर्क था कि कुड़मियों को एसटी में शामिल होने से उनका जमीन औद्योगिकरण के लिए आसानी से नहीं लिया जा सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमेशा से कुड़मियों का शुभचिंतक रहा हूं और उनकी मांग को इस बार जरूर पूरा करूंगा। ऐसा नहीं कर पाने पर कुड़मी समुदाय के लोग 2014 के परिणाम को दोहरा सकते हैं, मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावे घटवार जाति को भी एसटी की सूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। झारखंड में जिसको जितना हक अधिकार मिलना चाहिए, उतना हम देने के लिए तैयार है।