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    Friday, April 19, 2024
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      …लेकिन यहां कई निर्भया वर्षों से इंसाफ का इंतजार कर रही

       “दुष्कर्म से जुड़े मामले में भी त्वरित सुनवाई होनी चाहिए। इस तरह के मामले अदालत में पहुंचते ही सरकार को चार्जशीट से लेकर पूरी सुनवाई तक के लिए एक समय सीमा तय करनी होगी…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। राजधानी रांची के कांके लॉ कॉलेज की छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में सिर्फ 90 दिनों में त्वरित सुनवाई करते हुए वारदात में शामिल 11 अभियुक्तों को अदालत ने अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनायी। पीड़िता को इंसाफ के लिए अधिक दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ा। समय पर न्याय मिल गया।RANCHI GANGRAPE 1

      बरियातू गैंग रेप की पीड़िता को भी पांच महीने में न्याय मिल गया था, जबकि यहां कई और भी निर्भया इंसाफ का इंतजार कर रही हैं।

      नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े दुष्कर्म मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में जारी है। मामले में अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

      आंकड़े बता रहे हैं कि यहां दुष्कर्म एवं सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े 285 से अधिक मुकदमे तारीखों में चल रहे हैं। इनमें से लगभग 178 मुकदमे बच्चियों या नाबालिग से जुड़े हुए हैं। ऐसे मुकदमों की सुनवाई पोक्सो की विशेष अदालत में चल रही है।

      RANCHI GANGRAPEवहीं, दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के 101 मुकदमे सेशन कोर्ट में चल रहे हैं। 16 से 18 साल के नौ युवकों के खिलाफ चिल्ड्रेन एक्ट के तहत छह मुकदमे पर सुनवाई चल रही है। उधर, विगत 12 साल में दुष्कर्म के 1075 से अधिक मामले में दोषियों को सजा सुनाई गई है।

      सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले का दिया गया हवाला 277 पेज के जजमेंट में अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले मुकेश वर्सेस स्टेट ऑफ एनसीटी एवं ओम प्रकाश वर्सेस स्टेट ऑफ हरियाणा केस का हवाला दिया।

      फैसले में लिखा गया है कि परिस्थिति और मामले से जुड़े तथ्य के बीच संतुलन होना जरूरी है। इस मामले में जो गैंगरेप हुआ है, वह सोसाइटी की चेतना को झकझोर दिया है। इस घटना की पीड़िता जिस दौर से गुजरी होगी, उसका मूल्यांकन करना मुश्किल है।

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