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    Friday, April 26, 2024
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      रिश्वत लेकर भी दौड़ाती रही पुलिस,पीड़ित विधवा पहुंची लोक शिकायत कार्यालय

      पुलिस यथोचित कार्रवाई नहीं करती है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत अनुमंडल, जिला से लेकर प्रमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालयों में इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं”  

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के नालंदा जिले में दो मासूम बच्चों की विधवा मां जब खुद की उत्पीड़न की शिकायत थाना में की तो तो उसकी एक न सुनी गई। अजीज होकर अब उसने राजगीर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार के कार्यालय में न्याय की गुहार लगाई है।NALANDA POLICE CPMPLAIN TO BIHAR LOK SHIKAYAT 2

      नालंदा जिले के नालंदा थाना क्षेत्र के नीरपुर पंचायत के नारायणपुर गांव निवासी शिव शंकर प्रसाद की पुत्री कुमारी बंटी सिन्हा की शादी मूल निवासी नालंदा जिले के वेन थाना क्षेत्र के सारे गांव निवासी शिव नंदन प्रसाद के पुत्र मुकेश नंदन के साथ वर्ष 2006 में हिंदू रीति-रिवाज के साथ  शादी हुई थी।

      विगत 4 साल पूर्व 2014 में कुमारी बंटी सिन्हा के पति अपने पीछे दो बच्चे छोड़ स्वर्गवास कर गए। उसके बाद जब वह ससुराल में रह कर अपना जीवन यापन करना शुरू की तो सास और देवर के द्वारा प्रताड़ित कर घर से बाहर दोनों बच्चों के साथ  निकाल दिया गया। एक बार तो बिजली करंट सटाकर जान मारने का प्रयास भी किया गया।

      इससे तंग आकर फिर वह अपने मायके नारायणपुर में आकर संबंधित नालंदा थाना का शरण ली।  बकौल पीड़िता विधवा कुमारी बंटी सिन्हा, नालंदा थाना में कार्रवाई के नाम पर 10,000 रुपये भी वसूले गये। लेकिन पुलिस ने कभी कोई जांच कार्रवाई नहीं की। जबकि मामला दर्ज होने के बाद दो थानाध्यक्ष भी बदल चुके हैं।

      वही पीड़िता ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ रिपोर्टर को बताया कि उसके साथ सास और देवर के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है एवं उनके मासूम बच्चों को हक से बेदखल किया जा रहा है।

      जबकि पीड़िता अपने दो बच्चों के लिए अपने हक की मांग सुशासन से कर रही है मगर लेकिन पुलिस ने कभी उसकी एक न सुनी। अजीज होकर अनुमंडलीय शिकायत निवारण कार्यालय की शरण ली है।

      जिस पर विगत 26 जून को सुनवाई के दौरान कार्यालय अंतरिम आदेश में नालंदा थाना के वर्तमान थानाध्‍यक्ष  नालन्‍दा को निदेश दिया जाता है कि प्रश्‍नगत परिवाद की जांच-कार्रवाई करते हुए तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन के साथ अगली सुनवाई तिथि को अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

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