अन्य
    Saturday, April 20, 2024
    अन्य

      राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि के इन दोषियों के खिलाफ पंगु बनी है पुलिस

      बिहार के सीएम नीतीश कुमार की प्रदेश में सुशासन और जीरो टॉलरेंस की नीति का सच क्या है? उनके गृह जिले नालंदा के कईयों मामले के आंकलन से साफ स्पष्ट हो जाता है कि सत्ता संरक्षण ही यहां कुशासन और हन्ड्रेड प्रसेंट टॉलरेंस कायम कर रखा है। अगर नहीं तो फिर पटना प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश से राजगीर पुलिस मलमास मेला सैरात भूमि के चिन्हित दोषी अतिक्रमणकारियों व सरकारी  अफसरों-कर्मियों  के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है? इस मामले में पुलिस ने अब तक न तो किसी चिन्हित दोषी को दबोच सकी है और न ही कोई अग्रेतर जांच कार्रवाई की है। शायद सत्ता-प्रशासन के खुले समर्थन ने समूचे पुलिस महकमा को बिल्कुल पंगु बना दिया है !”

      राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  बिहार लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार में दायर एक वाद अनन्य संख्या- 527310114101701017/1ए की सुनवाई के बाद प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि की अवैध रूप से जमाबंदी व लगान निर्धारण करने-कराने वाले 4 चिन्हित-दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।police fail on rajgir land crime 1

      श्री किशोर के आदेश के आलोक में वर्तमान भूमि सुधारउप समाहर्ता प्रभात कुमार ने मलमास मेला सैरात भूमि पर काबिज एक बड़े अतिक्रमणकारी व राजगीर गेस्ट हाउस होटल के मालिक  शिवनंदन प्रसाद , तत्कालीन डीसीएलआर उपेन्द्र झा, अंचलाधिकारी आनंद मोहन ठाकुर एव राजस्व कर्मचारी अनिल कुमार पर राजगीर  थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।

      यह मामला करीब 4 माह पहले 12.04.2018 को राजगीर भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय पत्रांक 394 दिनांक 12.04.2018 द्वारा मिली लिखित शिकायत के आधार पर भादवि की धारा- 467, 468, 471, 420, सेक्शन-34 के तहत राजगीर थाना कांड संख्या-85/18 दर्ज हुई थी।

      उस एफआईआर में साफ लिखा है कि अपर समाहर्ता नालंदा के पत्रांक-08 दिनांकः 11.04.2018 द्वारा निर्देशित श्री शिवनंदन प्रसाद, श्री अनील कुमार, श्री आनंद मोहन ठाकुर एवं श्री उपेन्द्र झा के विरुद्ध मलमास मेला सैरात भूमि की अवैध ढंग से जमाबंदी संख्या-497 कायम करने के लिये प्राथमिती दर्ज करावें।

      एफआईआर के अनुसार संदर्भित मामले में लगान निर्धारण वाद संख्या-30/2000-01 के द्वारा लगान निर्धारण की कार्रवाई की गई। तथा वर्ष 2001 में आदेश पारित किया गया। इसके आलोक में जमाबंदी संख्या-497 शिवनंदन प्रसाद के नाम से कायम की गई।police fail on rajgir land crime 3

      यह जमाबंदी मौजा-राजगीर थाना नबंर -485, तौजी- 12569, खाता नं-33 , खसरा नंबर- 5092, कुल रकबा- 7 डिसमिल, खतियानी गैरमजरुआ ठीकेदार किस्म की भूमि मलमास मेला सैरात पंजी में दर्ज  है।

      इस जमाबंदी पर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत पटना प्रमंडलीय आयुक्त के स्तर पर सुनवाई की गई। इस सुनवाई के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता तथा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की त्रिसदस्यीय जांच टीम गठित की गई।

      उस टीम द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रमंडलीय आयुक्त को उपलब्ध कराया गया। तदोन्परांत उनके द्वारा दिनांकः 03.04.2018 को आदेश पारित किया गया कि जिला अपर समाहर्ता दोषी पाये गये अफसर-कर्मियों एवं अवैध जमाबंदी कराने वालो पर प्राथमिकी दर्ज करायें।

      इस संबंध में वर्तमान राजगीर थाना प्रभारी बिजेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में जब तक उपर के वरीय अधिकारी आदेश-निर्देश नहीं देते, वे कुछ नहीं कर सकते।

      police fail on rajgir land crime2वहीं, राजगीर पुलिस उपाधीक्षक सोमनाथ प्रसाद बड़े गोल-मोल तरीका अपनाते हुये सिर्फ इतना ही कह सके कि वे देख रहें मामले को। सुपरवाइज कर रहे हैं।

      बहरहाल, मामले को लेकर राजगीर थाना पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सारे नामजद अभियुक्त खुल्लेआम घुम रहे हैं। सीएम के सुशासन और जीरो टॉलरेंस की नीति को मुंह चिढ़ा रहे हैं। किसी ने न तो न्यायालय से जमानत ली है और न ही पुलिस ने उनमें किसी को दबोचने की हिमम्त ही जुटा पा रही है।police fail on rajgir land crime3

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!