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    Saturday, April 20, 2024
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      राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई शुरु

      35 निजी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नोटिस जारी, सैरात पंजी के अनुसार कुल 73.03  एकड़ है  मलमास मेला सैरात की भूमि,  कुल 11 खातों के 28 खातों में  विभक्त है मलमास मेला सैरात की भूमि , सरकारी भवन एवं पुरातत्व विभाग  32 . 7175  एकड़, सड़क निर्मित 3.07 एकड़ भूमि  में निर्मित है सड़क,  1.5075 एकड़ में है गैर सरकारी धार्मिक संस्थाएं,  मलमास मेला की अतिक्रमित भूमि 40. 6462 एकड़,  मलमास मेला की परती जमीन 32. 38 387 एकड़

      rajgir malmas melaनालंदा ( राम विलास )। राजगीर के चर्चित मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई आरंभ हो गई है। आध्यात्मिक और सान्सकृतिक विरासत की इस भूमि के अस्तित्व बचाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस जमीन पर बने सरकारी आवास यथावत रहेंगे। निजी अतिक्रमण हर हाल में हटाने जायेगे।  यह निर्णय समाहर्ता सह अंचलाधिकारी, राजगीर ने लिया है।

      सैरात भूमि पर जिन लोगों के द्वारा धोखाधड़ी कर गलत ढंग से जमाबंदी कायम करा लिया गया है। उस जमाबंदी को रद्द करने की कार्रवाई भी आरंभ हो गई है। जमाबंदी रद्द  करने के बाद उस स्थल से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

      इस बाबत समाहर्ता सह अंचल पदाधिकारी राजगीर के द्वारा आदेश पारित किया गया है। उनके द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रपत्र 2 में नोटिस निर्गत किया गया है।

      बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम 1956 की धारा – 6 ( 2) के तहत निर्गत नोटिस में 15 दिनों यानी 6 जुलाई 2017 तक स्वयं अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है। अतिक्रमणकारियों द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर भारतीय दंड विधान  1980 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय होगा।

      अंचलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि निर्धारित समय सीमा के तहत स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाने पर सरकार बलपूर्वक अतिक्रमण हटाने के लिए बाध्य होगी। इस पर होने वाले व्यय राशि की वसूली भी संबंधित व्यक्ति से की जाएगी। इस नोटिस के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गई है । कई ऐसे भी दबंग और सफेदपोश है जो सैराट भूमि को एक नहीं, दो दो जगह पर कब्जा जमाए हैं।

      बता दें कि मलमास मेला सैरात भूमि की कुल रकवा 73.03  एकड़ है। इनमें 32. 71 72 एकड़ पर सरकारी अतिक्रमण है। 3. 07 एकड़ पर सड़क का निर्माण कराया गया है। मेला सैरात के 3. 35 12 एकड़ भूमि -भाग पर निजी अतिक्रमण है । इस जमीन पर दबंग और सफेदपोशो के द्वारा अवैध अतिक्रमण कर आलीशान भवन, होटल आदि का निर्माण कराया गया है। इसके अलावे 1.5075 एकड़ पर अन्य गैर सरकारी अतिक्रमण करने की पुष्टि की गई है।

      मालूम हो कि पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के निर्देश पर जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा राजगीर के मलमास मेला सैरात भूमि की नापी सरकारी अमीन से कराई गई थी। इस नापी के उपरांत 3.35 12 एकड़ भूखंड पर निजी अतिक्रमण का खुलासा हुआ है ।

      rajgir news crimeनिजी अतिक्रमणकारियों में बर्मी बुद्धा टेंपल , बंगाली बुद्धा टेंपल,  शिवनंदन उपाध्याय , मदन उपाध्याय , मसुदन उपाध्याय,  वैद्यनाथ सिंह , सिद्धार्थ होटल , राजगीर गेस्ट हाउस,  शिव नंदन प्रसाद,  रफीक खान, फरीद खान,  शाहिद खान, सुखीद खान, शहीद खान, शकील खान शकील खान , लेलिन नगर के अर्जुन चौधरी ,अनिल पंडित , अशोक रजक,  बिंदा चौधरी , कृष्णा यादव, सुनील कुमार , ज्ञान विकास पंडित , शिव नंदन प्रसाद, भूषण प्रसाद, साजन पासवान, नीतू देवी, राजेश मांझी, गोरे मांझी , पप्पू मांझी , जीतन मांझी , अशोक मांझी, भूषण डोम, उमेश डोम, जय राम  चौधरी आदि के नाम शुमार हैं। पुर्ननापी में नवादा विधायक राजबल्लभ यादव, जयशंकर प्रसाद स्मृति भवन और भुवनेश्वर उपाध्याय के पक्के मकान सैरात भूमि से बाहर हो गए हैं।

      इसी प्रकार सरकारी अतिक्रमणकारियों में राजगीर का दूरभाष केंद्र, बिजली विभाग का क्वार्टर और अतिथिशाला , जिला परिषद , पीएचईडी , प्राथमिक विद्यालय कुंड पर, बुद्धा जलविहार,  पुरातत्व विभाग एवं अन्य  नाम शामिल हैं ।

      राजगीर के समाहर्ता सह अंचल पदाधिकारी सतीश कुमार  ने  कहां की मलमास मेला सैराट भूमि पर निजी अतिक्रमण करने वाले 33 लोगों के खिलाफ नोटिस निर्गत किया गया है। उन्हें 15 दिनों यानी 6 जुलाई 2017 तक अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है।

      होटल सिद्धार्थ, बैद्धनाथ सिंह,  गौरक्षणी के भूषण प्रसाद को  कोर्ट से स्टे आदेश प्राप्त है। इसके खिलाफ सरकार हाई कोर्ट में अपील करेगी। इसलिए उनके खिलाफ नोटिस निर्गत नहीं किया गया है।

      महाकवि जयशंकर प्रसाद स्मृति भवन,  विधायक राजबल्लभ यादव का मकान और भुवनेश्वर उपाध्याय का मकान सैरात भूमि से अलग है।  जिन लोगों ने सैरात भूमि पर धोखाघड़ी घर जमाबंदी कायम करा लिया है । वैसे सभी जमाबंदी रद्द किए जाएंगे।  हर हाल में हर हाल में सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

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