“बिहार सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना का शुरुआती दौर में खूब प्रचार प्रसार हुआ और जनप्रतिनिधि से लेकर नव दाम्पत्य ने इसमें विशेष दिलचस्पी लेकर विवाह का निबंधन कराया और प्रखण्ड कार्यालय में योजना के तहत 5 हज़ार राशि के लिए आवेदन भी जमा किया। लेकिन अब सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में ही यह योजना दम तोड़ रही है……………”
राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की फाइल अब लगभग सभी प्रखण्ड कार्यालय में धूल फांक रही है। अकेले नालंदा जिले के राजगीर प्रखण्ड कार्यालय में विगत 4 वर्षों से हज़ारों आवेदन लंबित होने की सूचना है।
प्रखण्ड कर्मियो की माने तो विभाग द्वारा आवंटन नही है। यदि कुछ आवंटन भी होता है तो जुगाड़ टेक्नोलॉजी से कुछेक लोगो को इसका लाभ मिल पाता है। इस योजना का हश्र यह है कि लगभग सभी प्रखण्ड कार्यालय में इसकी फाइल पर धूल जमा हो चुकी है।
कुछ सजग जनप्रतिनिधि तो इसकी खबर भी लेते है। लेकिन अधिकांश अब सोए नज़र आते हैं। यही कारण है कि विगत कुछ वर्षों में विवाह निबंधन में भी काफी कमी आयी है।
विभाग के आंकड़े बताते है कि जितनी स्पीड में इस योजना का लाभ नवविवाहित को मिला, उतनी अधिक संख्या में विवाह निबंधन भी हुआ। लेकिन पिछले दो तीन वर्ष से जब इस योजना में आवंटन कम हुआ तो विवाह निबंधन भी अब नहीं के बराबर होता है।
18 वर्ष की लड़की और 21 वर्ष के लड़के की शादी के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि विवाह का निबंधन करते थे और फिर आवेदन को प्रखण्ड कार्यालय में जमा किया जाता था। ताकि इस योजना का लाभ नवविवाहित को मिल सके।
स्थिति यह है कि शादी के बाद आवेदन जमा करने के दो चार वर्ष बाद भी पैसे का भुगतान नहीं हो रहा है। शहर से लेकर गांव तक चक्कर काट रही आवेदिका को सिर्फ आश्वासन ही मिल पा रहा है।