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    Thursday, March 28, 2024
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      मां-बेटी की एक साथ हुई संदिग्ध मौत, पुलिस ने दर्ज की यूआडी केस

      ओरमांझी(मुकेश भारतीय) । गुरुवार को ओरमांझी थाना के हुटुप गांव में आनंद सिंह की पत्नी गीता देवी (40) और पुत्री राखी कुमारी (13) की काफी संदिग्धावस्था में मौत हो गई। आनंद सिंह पिठौरिया थाना के बालु गांव का निवासी है और पिछले 10 वर्षों से हुटुप निवासी राधाचरण सिंह के मकान में किराये पर सपरिवार रह रहा था।

      अहले सुबह घटना की सूचना मिलते ही ओरमांझी थाना पुलिस गांव गई और फिर कुछ लिखा पढ़ी करने के बाद वापस लौट गई। पुलिस के लौटने के बाद मीडियाकर्मी पहुंचे। उस समय हुटुप मुखिया सोमरा उरांव और मकान मालिक राधा चरण सिंह की अगुवाई में गांव वाले मृत मां-बेटी के अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे।

      परिजनों के अनुसार मृत मां-बेटी किसी गंभीर रोग के कभी शिकार नहीं रही। देर रात मां ने सिर्फ गले में दर्द की शिकायत की थी। सुबह बेटी के साथ मृत पाई गई। उस समय घर के आगे वाले कमरे में आनंद सिंह सोया था और उसके सटे पीछे के कमरे में उसकी पत्नी, पुत्री और दोनो पुत्र सोये हुये थे। पड़ोसियों के अनुसार मृतका राखी कुमारी के रोने की आवाज रात को काफी देर तक सुनाई दी थी।

      आखिर मां-बेटी की मौत कैसे हुई? मीडियाकर्मियों के इस सबाल का किसी ने कोई जबाब नहीं दिया। गांव वाले आनंद सिंह की गरीबी का हवाला देते हुये उसकी मृत पत्नी-पुत्री का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करवाना चाहते थे लेकिन, मीडियाकर्मियों की उपस्थिति को देखते हुये मुखिया सोमरा उरांव ने आवश्यक कार्रवाई हेतु पुलिस को पुनः सूचना दी। उसके बाद पुलिस आई और मां-बेटी की एक साथ बीमारी से स्वभाविक मौत की रिपोर्ट पर गांव वालों का हस्ताक्षर लेने के बाद दोनों शव का अंतिम संस्कार करने की इजाजत देकर पुनः वापस लौट गई।

      इस संबंध में थाना प्रभारी सुमन कुमार सुमन ने बताया कि परिजनों ने मां-बेटी की एक साथ मौत का कारण बीमारी बताया है। उसी आधार पर एक यूआईडी केस दर्ज कर लिया गया है।

      सबाल उठता है कि मां-बेटी को ऐसी कौन सी बीमारी थी कि उसकी मौत एक साथ हो गई। अगर उसकी हालत नाजुक थी तो उसे कोई अस्पताल में किसी डॉक्टर के पास क्यों नहीं ले जाया गया। पुलिस जब एक बार सुबह गई थी तो फिर पंचायत मुखिया की सूचना पर दोबारा क्या करने पहुंची। मीडियाकर्मियों के सामने कोई परिजन, पड़ोसी या गांव वाले मौत के कारण को लेकर कुछ बोलने को तैयार क्यों न थे। सब कुछ भी हो सकता है कि बात करते दिखे।

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