नगरनौसा,नालंदा (संवाददाता)। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक राज्य के मजदूरों के आजीविका में बढ़ोतरी के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में लागू महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम(मनरेगा) नगरनौसा प्रखंड में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। उधर प्रखंड-अंचल से जिला स्तर के अधिकारी एयरकंडीशन कमरे में चैन की बंशी बजाने में मशगुल हैं।
अगर आपको विश्वास न हो तो इसकी एक ताजा बानगी प्रखंड के रामपुर पंचायत के बोधीबिगहा गांव में जारी पइन खुदाई के कार्य को लीजिये। यहां महाखुन्धी खंधा में पईन उड़ाही यानी पईन खुदाई का काम किया जा रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार के कीड़े न जाने किसकी निगरानी में घास छिलाई करवाने में लगे हैं।
सच पुछिये तो प्रखंड के अफसरों, पंचायत प्रतनिधियों व उनके लगुए-भगुए मनरेगा के जनोपयोगी पैसा हड़पने के लिए ऐसे–ऐसे तरीके ईजाद किये हैं कि सुनने वाले भी चकित हो उठते हैं। यहां मनरेगा में भ्रष्टाचार इस कदर हाबी हो चुका है कि अमुमन योजनाओं में महज खानापूर्ति करते हुए सरकारी राशि की बंदरबाट कर ली जाती है।
हद तो तब हो जाती है, जब योजनाओं के पैसा हड़पने के चक्कर मे ग्राम सभा की सहमति या बैठक के कार्य शुरू कर दिया जाता हैं और योजना से पैसे निकलते ही कार्यस्थल पर कोई अभिकर्ता अचानक नाम, लागत राशि आदि की बोर्ड लगा डालता है।
रामपुर पंचायत अंतर्गत बोधी बिगहा गांव के महाखुन्दी खंधा में मनरेगा के तहत कुछ ऐसा ही हो रहा है। यहां लाखों लूटने की मंशा से भ्रष्टाचारी पाइन उड़ाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।
मनरेगा के तहत पईन उड़ाही योजना के तहत मजदूरों को न्यूनतम दो फीट गहरी खुदाई करनी होती है। लेकिन यहां पर मजदूर लोग पईन पराठा को छील दो फीट खुदाई दर्शाने में जी-जान से जुटे हैं।
जानकारों की माने तो ये कार्य पंचायत के वर्तमान मुखिया डेगन गोप और विभागीय अफसरों की खुली सांठगांठ से हो रहा है।