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    Tuesday, March 19, 2024
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      ‘मन रे गा’ भ्रष्टाचार, कागज पर ही काम, लूट ली गई सरकारी राशि

      नालंदा जिले की कामता और योगीपुर पंचायत में मनरेगा की योजनाओं में खूब हुई लूट, आरटीआई ऑन लाईन रिपोर्ट से हुआ खुलासा, कागज पर ही काम दिखाकर निकाल ली गई राशि

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      काम करने के बाद मजदूरी नहीं मिलने से नाराज मजदूर नारेबाजी करते हुए…….

      -:  चन्द्रकात :-

      नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में चल रहे मनरेगा में कैसे लूट-खसोट किया गया इसका खुलासा आरटीआई तथा ऑन लाईन की गई रिर्पोटिंग से मिली सूचना और जमीनी हकीकत से खुलासा होता है। हिलसा के कामता पंचायत निवासी सोनु कुमार और योगीपुर पंचायत निवासी कारु प्रसाद द्वारा आरटीआई (सूचना के अधिकार अधिनियम) तथा ऑन लाईन रिर्पोटिंग की सूचना और हकीकत देखा तो दंग रह गए।

      सोनू की मानें तो कामता पंचायत के कामता गांव में वित्तीय वर्ष 2008-09 में मनरेगा से कामता पैक्स गोदाम से ट्रांसफार्मर होते हुए बाहापर पुल तक रोड तथा नाला निर्माण के लिए योजना स्वीकृत हुई थी। इस कार्य में लिए चार लाख 97 हजार दो सौ तेरासी रुपये खर्च भी किया गया, लेकिन काम आधा-अधूरा ही रह गया।

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      विकलांग मनरेगा मजदूर गोरख प्रसाद………..

      सोनू ने बताया कि मिट्टी बिछाकर रास्ता तो तैयार किया गया लेकिन नाला का निर्माण ही नहीं किया गया। बाबजूद इसके पूरी की पूरी राशि की निकासी कर ली गई। इस प्रकार ऑनलाइन रिर्पोटिंग से हाथ लगे कागजातों योगीपुर पंचायत के मलावां गांव निवासी कारु प्रसाद को पता चला कि योगीपुर पंचायत में मनरेगा के तहत करीब चौदह लाख रुपये विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया गया।

      इन योजनाओं में से कुछेक जगह काम भी हुआ लेकिन वास्तविक मजदूरों को अबतक मजदूरी भी नहीं मिली। मजदूरी वैसे लोगों के खाते में भेज दी गई जो कभी काम भी नहीं किया। ऐसे मजदूरों में शामिल हैं 80 वर्षीय वृद्धा नवलेश देवी और विकलांक गोरख प्रसाद आदि। इन दोंनो ने पूछने पर काम नहीं करने की बात भी स्वीकारी है।

      कहते हैं वेशर्म अधिकारी…….

      योगीपुर पंचायत में मनरेगा से हुई योजनाओं में बरती गई अनियमितता की जानकारी परोक्ष रुप से हुई है, जिसकी प्रारंभिक जांच भी की गई। जिन योजनाओं के बारे में चर्चा की जा रही है, वैसी बीस योजनाओं में 13 लाख पैंसठ हजार रुपये खर्च हुआ।

      प्रारंभिक जांच में मेरे समक्ष कोई वैसा मजदूर सामने नहीं आया, जिसने बगैर मजदूरी किए भुगतान मिलने की बात कही। कोई ऐसा मजदूर भी सामने नहीं आया जिसे मजदूरी के एवज में भुगतान नहीं मिला। मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है।

      हालांकि कामता पंचायत संबंधी कोई विवाद सामने नहीं आया है। अगर अनियमतता सामने आती है तो विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।  …………… बीरेन्द्र कुमार, परियोजना प्रबंध, मनरेगा, हिलसा प्रखंड।

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