एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बीते लोक सभा चुनाव में नालंदा सीट से शिवसेना प्रत्याशी एवं स्थानीय हरनौत विधायक -पूर्व मंत्री हरिणारायन सिंह का भतीजा भूषण कुमार उर्फ चिरंजीव कुमार ने नगरनौसा थाना कांड- 153/19 में अपने पिता एवं खुद का नाम घसीटे जाने को लेकर एसपी को स्पष्टीकरण भेजा है।
उन्होंने नालंदा एसपी को प्रेषित आवेदन में लिखा है कि वे पहले मर्चेंट नेवी में थे। उनकी शिक्षा दीक्षा भारत और ब्रिटेन में हुई है। वर्तमान में वे पटना और रांची में शिक्षा व्यवसाय से जुड़कर जीवनयापन कर रहे हैं।
श्री कुमार ने लिखा है कि उनके पिताजी और माताजी गांव पर रहकर किसानी करते है। कुछ दिन पहले उन्होंने नालंदा लाइन होटल खोला था,जो अच्छा चल रहा था। वे एक राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं और पिछला नालंदा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था।
मृतक जट्टा उर्फ शैलेश कुमार जोकि उनके पिताजी के गाड़ी का चालक पिछले पंद्रह साल से था। वह स्वभाव से बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। 22 नवंबर को मैं पटना में था, तभी पता चला कि शैलेश गोप उर्फ जट्टा की मेरे होटल पर अज्ञात अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई है और उसके गांव तीना के कुछ लोगो द्वारा जट्टा के माता पिता के मना करने के बावजूद होटल के साथ वहां खड़ी कार और स्कूटी को भी जला दिया है। जट्टा के पिताजी भी उसी होटल में काम करते थे।
उन्होंने आगे लिखा है कि घटना के बारे में उनके पिताजी ने बताया कि वो और जट्टा कार से कहीं से आए। गाड़ी होटल पर रुकी और पिताजी होटल के अंदर गए। जट्टा कुछ सब्जी डिक्की से निकाल ही रहा था, तभी पूर्व से एक बाइक पर तीन व्यक्ति आए और उसपर गोली चलाकर पश्चिम की तरफ निकल गए।
जब पिताजी और सब स्टाफ बाहर निकले तब देखा कि जट्टा मृत। पड़ा है। पुलिस घटनास्थल पर आयी, उस समय तक उनके पिताजी वहीं थे। बाद में पुलिस चली गई।
उसके बाद तीना गांव के लोग आए और होटल को आग लगा दिए। उसके बाद वहीं भीड़ रामघाट तक तोड़फोड़ किया सड़क जाम किया। प्रथम दृष्टया यह व्यापार प्रतिद्वंदिता का मामला प्रतीत होता है। होटल के एक किलोमीटर के दायरे में जितने होटल है, सबसे ज्यादा यह होटल चल रहा था।
जट्टा की शायद दूसरे से कोई व्यक्तिगत रंजिश भी हो सकती है। एफआईआर जो करवाया गया है, उसके भाई के द्वारा। जबकि उसकी पत्नी और पिताजी भी थे। एफआईआर लिखने वाला कोई और है।
बकौल भूषण, उनकी या उनके पिताजी की जट्टा से किसी भी सवाल पर कभी भी कोई बकझक भी नहीं हुई है। इस बात को जट्टा के पिताजी से पूछा जा सकता है। सारे लोग हमेशा शांतिपूर्वक जीवन जीते आए है ।
श्री कुमार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करने एवं उनके और उनके पिताजी के खिलाफ की गई शाजिस का पर्दाफाश करने की मांग की है।
उधर बताया जाता है कि श्री भूषण कुमार की मां भी वारदात के बाद शिकायत आवेदन लेकर शिकायत दर्ज कराने थाना गई थी, लेकिन वहां के थानेदार ने खुद के उपर काफी उपरी दबाव का रोना रोते हुए उस आवेदन को तो रख लिया, लेकिन न कोई रिसिविंग दिया और न ही शिकायत ही दर्ज की।