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    Friday, March 29, 2024
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      बोले मी लार्ड- ‘मीडिया की आजादी के खिलाफ नही हैं हम’

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। पटना हाईकोर्ट ने ‘मुजफ्फरपुर महापाप की रिपोर्टिंग पर रोक के फैसले पर बोलते हुए कहा कि वह न तो प्रेस की आजादी के खिलाफ है और न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ हैं। मीडिया के लिए जो गाइड लाइन तैयार किया गया है उसका मकसद सिर्फ़ इतना है कि जांच के दौरान मीडिया रिपोर्ट से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। जांच प्रभावित न हो।

      सोमवार को कोर्ट में जब मुजफ्फरपुर मामले की सुनवाई शुरू हुई तो मीडिया के लीगल रिपोर्टरों ने कोर्ट से गुहार लगायी कि कोर्ट के गाइड लाइंस के बाद सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से जुड़ी खबरों के प्रकाशन या प्रसाराण पर रोक लगा दी गयी है। patna high court released new guideline in muzaffarpur

      इस पर जबाब देते हुए हाईकोर्ट के खंडपीठ ने कहा कि हम मीडिया की आजादी में दखल देना नहीं चाहते हैं। हमारे लिए मीडिया की स्वतंत्रता ही महत्वपूर्ण है। सिर्फ  इस घटना के कवरेज पर केवल रिजनेबल रिस्ट्रिक्शन लगाये गये हैं। यह रोक इस लिए लगायी गयी, ताकि कोई आरोपी किसी तरह से फायदा न उठा ले।

      चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर कांड में मीडिया की भूमिका की सराहना की। मीडिया कवरेज के कारण ही ये मामला प्रकाश में आया। जांच में गोपनीयता बनी रहेगी, तभी इस मामले में पीड़तों को न्याय मिलेगा। इससे आरोपी को कोई लाभ उठाने का मौका नहीं मिलेगा। अगर जरूरत होगी तो कोर्ट पहले के गाइडलाइंस पर फिर से विचार करेगा।

      इस मामले की सुनवाई के बाद अधिवक्ताओं ने कहा कि कोर्ट ने मीडिया के एडवांस रिपोर्टिंग पर रोक लगायी है। पत्रकार यह न लिखें कि अब जांच में आगे क्या होना वाला है। इससे जांच की गोपनीयता भंग होने की संभावना बनी रहती है।

      इधर इससे पहले संपादकों की संस्था एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी मुजफ्फरपुर मामले में खबर पर रोक लगाए जाने को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट से विचार करने की अपील की थीं।

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