“सीडीपीओ ने जो थाना में शिकायत आवेदन कार्यालीय पत्रांक, दिनांक व हस्ताक्षर से दी, उसके कई घंटे पहले वही आवेदन बिना पत्रांक, दिनांक व हस्ताक्षर के सोशलग्रुपों में वायरल होने साथ मीडिया के हाथ में कैसे पहुंच गए…..?
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बेन सीडीपीओ प्रभा रानी के साथ द्वारा कथित दुर्व्यवहार के मामले में पुलिस द्वारा त्वरित गिरफ्तारी करते हुए जेल भेजे गए प्रखंड प्रमुख सह राजद नेता धनंजय कुमार द्वारा भी उसी दिन थाने में मामला दर्ज कराई गई थी। अपनी शिकायत में प्रखंड प्रमुख ने सीडीपीओ पर पहले ही केस करने धमकी देने के आरोप लगाए हैं। इस आरोप को लेकर एक सनसनीखेज तत्थ उभरकर सामने आए हैं, जो सीडीपीओ की मंशा पर सीधे सबाल खड़ा करते हैं।
बेन थाना में प्रखंड प्रमुख की शिकायत पर सीडीपीओ प्रभा रानी के खिलाफ दिनांक-12.03.19 को भादवि की धारा-66, 504,34 के तहत दर्ज कांड संख्या-29/19 के अनुसार प्रखंड प्रमुख होने के नाते सीडीपीओ से आंगनबाड़ी सेविका चयन की रिपोर्ट की मांग की गई तो रिपोर्ट की जगह गाली-गलौज करते हुए कहा कि “तुम रिपोर्ट मांगने वाले कौन होते हो। हमको जो मन करेगा, वह करेंगे। तुम्हारे जैसे बहुत प्रमुख देखे हैं। तुम कुछ नहीं बिगाड़ सकते। तुम पर छेड़खानी का मुकदमा करवा दूंगी। सीडीपीओ के साथ दो पर्यवेक्षिका भी थी, जो उसी तरह से बोल रही थी। मांगी गई सूचना वार्ड संख्या-4 एवं वार्ड संख्या-8 से संबंधित हैं।
अब इस मामले को लेकर जिस तरह के सप्रमाण तत्थ उभरकर सामने आई है। जोकि प्रखंड प्रमुख के आरोपों को बल देती है। सीडीपीओ ने थाने में जो शिकायत आवेदन दी और उसी आवेदन के आलोक प्रखंड प्रमुख के खिलाफ भादवि की धारा-341, 353, 504, 506 के तहत दिनांकः12.03.19 को ही कांड संख्या-28/19 दर्ज हुई।
अब सवाल उठता है कि सीडीपीओ ने जो थाना में शिकायत आवेदन कार्यालीय पत्रांक, दिनांक व हस्ताक्षर से दी, उसके कई घंटे पहले वही आवेदन बिना पत्रांक, दिनांक व हस्ताक्षर के सोशल ग्रुपों में वायरल होने साथ मीडिया के हाथ में कैसे पहुंच गए?
जाहिर है कि इस तरह की हरकत खुद सीडीपीओ ने ही की है। जिसके दो ही मायने निकलती है। केस करने से पहले प्रखंड प्रमुख को ब्लैकमेलिंग करने की मंशा और पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने का दबाव।
बताया जाता है कि प्रखंड प्रमुख-सीडीपीओ के बीच विवाद होने के ठीक पहले दोनों एक ही टेबल पर चाय-बिस्कुट का दौर भी चला था। इसके बाद दोनों में आंगनबाड़ी सेविका चयन, सूचना न देने की बाबत बहसबाजी होने लगी और बात एक दूसरे को देख लेने की धमकी पर खत्म हो गई।
हालांकि विवाद पूर्व प्रखंड प्रमुख के साथ चाय-बिस्कुट की चली दौर पर सीडीपीओ कहती हैं कि वह विभागीय बैठक कर रही थी। इसी बीच प्रखंड प्रमुख आए तो कटसी मेंटेंन किया गया था। लेकिन थाने में शिकायत के पहले उसकी हुबहू अनऑफिसियल कॉपी वायरल होने की बाबत चुप्पी साध गई।
बेन सीडीपीओ की शिकायत पर थाना में दर्ज शिकायत की कॉपी……