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    Saturday, April 20, 2024
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      बिहार में डेंगू बना यमराज, अब तक आठ लोगों को लीला, हजारों आक्रांत

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। एक हिंदी फिल्म का लोकप्रिय डॉयलॉग ‘एक मच्छर आदमी को ##$ बना देता है’। लेकिन अब तो एक मच्छर आदमी को यमराज के पास पहुँचा देता है।

      बिहार में डेंगू के कहर ने लोगों में दहशत फैला दी है। बिहार के पटना समेत कई जिलों में डेंगू ने पांव जमा लिया है। डेंगू के चपेट में आकर अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें हिलसा के पूर्व एसडीएम एवं सहरसा के स्थानांतरित एसडीएम श्रृष्टि राज सिन्हा शामिल है।dengue 1 1

      वहीं पटना में डेंगू से एक महिला सिपाही की मौत के बाद ‘सिपाही विद्रोह ‘ का दृश्य ही पटना में देखने को मिला। राज्य के सरकारी एवं निजी अस्पताल में रोजाना सैकड़ों लोगों डेंगू की जांच के लिए पहुँच रहे हैं।

      डेंगू की चपेट में आने से अब तक आठ लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई है। लेकिन यह संख्या बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

      इससे पहले पटना तथा  छपरा के दो डॉक्‍टरों की डेंगू से मौत हो गई थी। डेंगू की चपेट में आईं गोपालगंज की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) की भी पटना के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। ये डेंगू से होने वाली इस साल की पहली तीन मौतें थीं। उसके बाद गया, भभुआ और पटना में तीन मौते हुईं थीं।

      पीएमसीएच में 71 मरीजों में हुई डेंगू की पुष्टि

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      राजधानी में इस मौसम में अब तक एक दिन में मिलने वाले डेंगू मरीजों की संख्या का रिकॉर्ड बुधवार को टूट गया। पीएमसीएच में 71 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसमें राजधानी के 63 मरीज हैं।

      अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार एक दिन में सबसे अधिक 43 में डेंगू मरीजों की पहचान की गई। एक साथ इतने मरीजों की जानकारी मिलने पर विभाग के अधिकारियों ने भी पीएमसीएच से जानकारी ली। वहीं इस मौसम में अस्पताल में हुई जांच में कुल 720 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है।

      डेंगू के डंक का कहर का दहशत  लोगों पर काफी देखा जा रहा  है। तभी तो  स्थिति यह है कि पीएमसीएच में लगे तीन दिवसीय डेंगू जांच शिविर में लगभग पांच सौ से ज्यादा लोगों ने जांच कराये ।

      इधर बिहार में डेंगू के कहर के बीच स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने डेंगू के इलाज की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं। बिहार में डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या का ठीकरा मंत्री ने निजी अस्पतालों पर फोड़ा है।

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      उन्होंने आरोप लगाया कि निजी जांच घरों में रैपिड डायग्नोस्टिक किट(आरडीटी) से एनएसआई पॉजिटिव परिणाम आता है, जिसके आधार पर मरीज को डेंगू से पीड़ित बता दिया जाता है।

      इससे लोगों में डेंगू के प्रति भ्रांतियाँ फैल रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में डेंगू की जांच की किट नि:शुल्क उपलब्ध है।

      बहरहाल, बात जो भी हो। लेकिन डेंगू के प्रति स्वास्थ्य महकमा संवेदन शील दिखता नहीं है।हर साल इस मौसम में दर्जनों लोग डेंगू के कहर से बच नहीं पाते हैं। हजारों बीमार होते हैं। फिर भी सरकार सबक नहीं लेती।

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