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    Friday, April 19, 2024
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      बिहार के हुकुमदेव को पद्म भूषण और अन्य इन 5 को मिले पद्मश्री पुरस्कार

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भारत सरकार ने बिहार की छह विभूतियों को पद्म पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी सूची के अनुसार मधुबनी के सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को पद्म भूषण पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।

      जबकि, पांच अन्य को पद्मश्री पुरस्कार मिले हैं। इनमें मिथिला चित्रकारी के क्षेत्र में पिछले आठ दशक से कार्य करने वाली मधुबनी के रांटी निवासी गोदावरी दत्त, दलित बच्चों की शिक्षा दिलाने के क्षेत्र में कार्य करने वाले पूर्व आइपीएस अधिकारी ज्योति कुमार सिन्हा, पश्चिम चंपारण के मूल निवासी फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी (महाराष्ट्र से चयनित), मुजफ्फरपुर की किसान चाची राजकुमारी देवी और पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर की भाजपा विधायक भगीरथी देवी के नाम शामिल हैं।

      सांसद के साथ बेहतरीन वक्ता भी हैं हुकूमदेव

      hukumसांसद हुकूमदेव नारायण यादव को पद्मभूषण सम्‍मान मिला है। वे मधुबनी से भाजपा सांसद हैं। सादगी के प्रतीक हुकूमदेव बाबू की पहचान उनके भाषणों से भी है। उन्हें 2014-17 सत्र के लिए आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंट्रियन का अवार्ड भी मिला है। वे समाजसेवी होने के साथ किसान भी हैं।

      मधुबनी के भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार दिया जाना गर्व की बात है। गावों में रहने वाले गरीब-गुरबों को इससे गौरव महसूस होगा। करिया मुंडा और मेरे जैसे लोग इसी परिवेश से आते हैं।

      उन्होंने कहा कि पद्म भूषण अवार्ड मिलने का आभास पहले से था, लेकिन शुक्रवार को इसकी आधिकारिक जानकारी मिली। यह अच्छा फैसला है, व्यापक है। ज्यादातर पिछड़े और दलित तबके के लोगों का इसके लिए चयन किया गया है। सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उनकी फोकस में दलित, पिछड़े और गांवों में रहने वाले गरीब लोग ही हैं।

      बेहतरीन अभिनेता हैं मनोज वाजपेयी

      manojपद्मश्री से नवाजे गए बिहार के नरकटियागंज के बेलवा के मूल निवासी मनोज वाजपेयी फिल्म और रंगमंच के शानदार अभिनेता हैं।

      ‘बैंडिंट क्वीन’, ‘सत्या’, ‘शूल’, ‘अलीगढ़’, ‘स्पेशल 26’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ तथा ‘राजनीति’ जैसी फिल्मों से उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

      किसान चाची हैं राजकुमारी देवी

      auntiमुजफ्फरपुर के आनंदपुर गांव की निवासी राजकुमारी देवी को कृषि क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। उन्हें लोग प्यार से किसान चाची के नाम से भी जानते हैं।

      किसान चाची ने सामाजिक बाधाओं को दरकिनार कर कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाई। किसानों को जागरूक करने के लिए वह साइकिल से ही 40-50 किलोमीटर चली जाती हैं। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

      50 साल से मधुबनी पेंटिंग बना रहीं गोदावरी दत्त

      madhubaniमधुबनी पेटिंग की शिल्प गुरु गोदावरी दत्त मधुबनी की रहने वाली हैं। गोदावरी को मधुबनी पेटिंग को देश-विदेशों में पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा है। वह कई देशों का दौरा कर चुकी हैं। वह पिछले 50 वर्षों से मधुबनी पेटिंग के क्षेत्र में काम कर रहीं है। हाल ही में वह बिहार म्यूजियम में एक बड़ी पेटिंग उकेर कर खूब शोहरत बटोरी है। उनकी पेटिंग जापान के मिथिला म्यूजियम में भी प्रदर्शित की गई है। उन्‍हें पद्मश्री सम्‍मान मिला है।

      उन्होंने कहा कि वह तो बस अपना काम करती रही। इस बारे में कभी सोचा ही नहीं कि यह सम्मान भी मिलेगा। बस एक ही धुन थी कि कैसे मिथिला पेंटिंग के लिए बेहतर से बेहतर करना है। वह बस लगातार अपने काम को करने में लगी रही। यह बात भी है कि सभी लोग मुझसे प्यार करते हैं। लोगों को यह तमन्ना थी कि मुझे यह सम्मान मिले। आज लोगों की तमन्ना भी पूरी हो गयी।

      पटना में मुसहर बच्चों को पढ़ाते हैं ज्योति कुमार

      jyotiरिटायर्ड आइपीएस ज्योति कुमार सिन्हा को सोशल वर्क-अफोर्डेबल एजुकेशन के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। वे मुसहर बच्चों के लिए निश्शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराते हैं।

      बेली रोड पर वह इंग्लिश मीडियम से कक्षा एक से 12वीं तक आवासीय विद्यालय चला रहे हैं। यहां साढ़े तीन सौ मुसहर बच्चे निश्शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

      इनके द्वारा खोले गए कॉलेज का एक छात्र कौन बनेगा करोड़पति में चयनित हुआ था। कौन बनेगा करोड़पति से उसे 25 लाख रुपए का इनाम मिला है।

      सफाईकर्मी से विधायक बनीं भागीरथी देवी

      bhagirithiपद्मश्री से सम्‍मानित भागीरथी देवी रामनगर में चार बार विधायक रही हैं। क्षेत्र में उनकी पहचान उनके अच्छे कार्य से हुई।

      लोगों में विश्वास के साथ क्षेत्र में लगातार बेहतर कार्य करती रहीं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया।

      अनुसूचित जाति से आने वाली भागीरथी देवी संघर्ष कर वह विधायक बनीं और समाजसेवा जारी रखी।

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