अन्य
    Tuesday, March 19, 2024
    अन्य

      बिरसा जू में हार्पिक वायरस, सम्राट की अचानक मौत से सनसनी  

      हाथी की औसत उम्र 70 से 100 वर्ष की होती है। हाथी सम्राट की उम्र  21 वर्ष ही था और वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। ऐसे में उसकी अचानक मौत से उद्यान प्रशासन पर सीधे सवाल खड़े करते हैं। यहां पशु-पक्षियों के रख-रबाव में भारी लापरवारी बरती जाती है। हर  तरफ लूट-खसोंट का आलम है …  

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में पले-बढ़े सम्राट की मौत हो गयी है। अब हथिनी लखी रानी अकेली रह गयी है। महावत की जान लेने वाले हाथी रामू मथुरा में रेस्क्यू सेंटर में भर्ती है।Samrat of Ormanjhi Dead 1

      खबर है कि उद्यान में गुरुवार को सुबह उसकी तबीयत काफी खराब हो गयी थी। उद्यान के पशु चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे। सम्राट ने बुधवार की रात में भोजन किया था।

      गुरुवार की सुबह नौ बजे जब देखरेख करने वाले महावत ने हाथी को भोजन में गन्ना दिया तो उसने नहीं खाया। महावत ने इसकी सूचना उद्यान के अधिकारियों को दी। दिन के पौने दस बजे उद्यान के चिकित्सक पहुंचे व लक्षण के आधार पर इलाज शुरू किया, पर उसे बचा नहीं सके।

      हाथी के शव का तीन डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया। इनमें कांके के रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विवि प्राध्यापक डॉ एमके गुप्ता, जू के पशु चिकित्सक डॉ अजय, ओरमांझी के प्रखंड पशुपालन अधिकारी डॉ मनोज कुमार शामिल रहे।

      बिरसा जैविक उद्यान में सम्राट हाथी 18 अगस्त 1998 को तीन माह की उम्र में चाईबासा जंगल से लाया गया था। जंगल में वह अपने झुंड से अलग हो गया था। सम्राट की परवरिश करने वाले महावत की राम नाम के हाथी ने जान ले ली थी।Samrat of Ormanjhi Dead 2 1

      उद्यान के चिकित्सक के अनुसार बुधवार की शाम सम्राट भला चंगा था। रात में खाना भी खाया। गुरुवार की सुबह जानकारी मिली कि वह खाना नहीं खा रहा है और बेचैनी महसूस कर रहा है।

      इसके बाद हाथी के चिकित्सक और विशेषज्ञ डॉ केके शर्मा और उद्यान के अन्य डॉक्टरों से बात कर इलाज शुरू किया गया, परंतु उसकी मौत हो गई।

      सम्राट की मौत के बाद बिरसा जैविक उद्यान प्रबंधन फिर सवालों के घेरे में है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि खतरनाक हर्पिस वायरस के संक्रमण के कारण हाथी की मौत हुई है। हालांकि, अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। उद्यान के चिकित्सक का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों को बताया जा सकता है।

      Samrat of Ormanjhi Dead 3उद्यान प्रशासन के अनुसार हाथी पूरी तरह स्वस्थ था। रात में ठीक से भोजन भी किया था। सुबह कुछ बैचेन दिखा। सूचना के बाद साढ़े दस बजे उद्यान के पशु चिकित्सक पहुंचे।

      उन्होंने देखा तो हाथी बार-बार उठ बैठ रहा था। गैस की आशंका देख दवा दी गई। दवा देने के बाद वह कुछ देर तक ठीक रहा। भोजन नहीं कर रहा था। दोपहर डेढ़ बजे के करीब उसकी मौत हो गई।

      सम्राट हाथी जब उद्यान आया था, तब से उद्यान कर्मी (महावत) महेंद्र सिंह की भी मौत उद्यान में ही हो चुकी है। महावत महेंद्र सिंह को लगभग 18 माह पहले उद्यान के रामू हाथी ने ही कुचल कर मार दिया था।

      फिलहाल रामू हाथी बीमार है और उसे उपचार के लिए एलीफेंट सेंटर मथुरा में भर्ती कराया गया है। रामू के उपचार में भेजे जाने व सम्राट हाथी की मौत के बाद अब उद्यान में इकलौती हथिनी लखी रानी ही बची है।Samrat of Ormanjhi Dead 1

      सम्राट हाथी जब तीन माह का था, तभी अगस्त 1998 में उसे चाईबासा जंगल से जैविक उद्यान लाया गया था। उस वक्त उद्यान में उसे बोतल से दूध पिलाया जाता था। उस वक्तवह काफी छोटा व उद्यान का सबसे प्रिय सदस्य बन गया था।

       उद्यान पहुंचने वाले पर्यटक खास कर छोटे बच्चों के लिए भी प्रिय था। सम्राट हाथी को देख बच्चे काफी खुश होते थे। क्यूंकि उसकी दांत काफी बड़ी थी झुकने पर वह जमीन तक दांत छूने लगता था।

      उद्यान निदेशक एवं पशु चिकित्सक ने भी सम्राट हाथी की मौत अति संक्रामक विषाणु जनित रोग से होने की आशंका जताई है। ओड़िशा के नंदनकानन चिड़ियाघर में हाल में छह हाथियों की मौत हर्पिस वायरस से हुई है।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!