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    Thursday, April 25, 2024
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      प्रमुख-उप प्रमुख चुनाव में किंग मेकर बनना चाहते हैं शिक्षक माफिया

      चंडी प्रखंड के लगभग दस से ज्यादा पंचायतों में शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत सामने आने के बाद भी प्रखंड बीईओ से लेकर जिला पदाधिकारी और शिक्षा पदाधिकारी की उदासीनता और अकर्मण्यता साफ दिखती है। मामले सामने आने पर पंचायत सचिव अपनी दलील देते हैं तो नियोजन इकाई के लोग अपनी दलील। इस फर्जी शिक्षक नियोजन में महती भूमिका बीआरसी की कम नहीं है।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा के चंडी प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद अभी तक नए प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव को लेकर तिथि भले ही निर्धारित न हुआ हो। लेकिन इस चुनाव को लेकर चंडी प्रखंड के एक कथित शिक्षक माफिया की रूचि लेने की चर्चा जोरों पर है।chandi nalanda teacher cruption 1

      कथित शिक्षक माफिया चंडी प्रमुख को लेकर किंग मेकर की भूमिका निभाना चाह रहे हैं। जबकि वह न तो पंचायत समिति सदस्य है और न ही दूर -दूर तक उनके कोई नाते रिश्तेदार पंचायत समिति।

      ऐसे में उनके द्वारा प्रमुख के चुनाव को लेकर उनकी रूचि लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि कहीं प्रमुख की आड़ में प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन मामले को दबाने की मंशा तो नहीं है।

      चंडी प्रखंड में पिछले कई सालों से प्राधिकार के नाम पर शिक्षक नियोजन का खेल जारी है। पिछले डेढ़ साल में प्रखंड में फर्जी शिक्षकों की संख्या अर्धशतक से भी पार कर गई है। फिर भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

      पिछले महीने प्रखंड के एक पंचायत में लगभग पांच फर्जी शिक्षकों का नियोजन हो गया। इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी विशाल आनंद ने प्रभारी बीईओ को पत्र लिख कर सूचना दिया कि उक्त पंचायत में फर्जी बहाली हो गई है। इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन बीडीओ का प्रेषित पत्र बीईओ को मिला ही नहीं।

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      बीईओ से इस संबंध में मीडिया के साथी ने बात की तो बीईओ अचरज में पड़ गई। उन्होंने पत्र मिलने से इंकार करते हुए पता लगाने की बात कही।

      कहीं बीडीओ द्वारा प्रेषित पत्र बीआरसी के कर्मियों द्वारा दबा तो नहीं दिया गया। जब कोई पदाधिकारी ईमानदारी से किसी मामले में कार्रवाई करना चाहते हैं तो हर शाख पर बैठा उल्लू व्यवधान पैदा करते हैं।

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      प्रखंड में शिक्षक नियोजन में महती भूमिका निभाने वाले कथित शिक्षक माफिया अब अपनी गर्दन बचाने के चक्कर में प्रमुख चुनाव में किंग मेकर बनने की चाह रख रहे हैं। ताकि प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन के मामले सामने न आएं और वो अपना उल्लू सीधा कर लें।

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के सूत्रों के अनुसार प्रखंड के एक शिक्षक माफिया प्रमुख और उप प्रमुख चुनाव में गहरी दिलचस्पी लेते देखे जा रहे हैं। वे एक खास पंचायत समिति सदस्य पर दबाव देकर प्रमुख पद की दौड़ में शामिल होने की गुहार लगा रहे हैं। इस रूचि के पीछे उनकी मंशा फर्जी शिक्षक बहाली पर पर्दा डालना है।

      भले ही प्रमुख और उप प्रमुख चुनाव को लेकर तिथि निर्धारित नहीं हुई हो। लेकिन प्रमुख और उप प्रमुख पदों के लिए नामों पर अंतिम मुहर लग चुकी है। प्रमुख पद के लिए सुभद्रा कुमारी तथा सरथा उतरी से सदस्य राजकुमार यादव के नामों की घोषणा हो चुकी है।

      अगर सुभद्रा कुमारी प्रमुख पद पर काबिज हो जाती है तो शिक्षा माफियाओं को डर है कि कहीं प्रखंड में शिक्षक नियोजन के मामले की जांच न हो जाएं। इसी डर की वजह से कथित शिक्षक माफिया अपने मनपसंद को प्रमुख की कुर्सी पर देखना चाहते हैं ताकि फर्जी शिक्षक नियोजन का भंडाफोड नह हो सकें।

      अब देखना है प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया आखिर किस करवट बदलती है। इनके खिलाफ जांच होती है या नहीं।

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