“वैसे तो शराबबन्दी का मखौल उड़ना कोई बड़ी बात नही रह गयी है, पर थाना परिसर में पुलिस कर्मियों के सामने शराबी शराबबन्दी में शराब कहाँ से मिलता है? पूछने पर कैमरे के सामने उल्टे सवाल कर दे कि कहां बन्द है शराब? तो फिर स्थिति को साक्ष्य की जरूरत नहीं……..”
दरभंगा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार में शराबबंदी है और इसे सफल बनाने केलिए सरकार ने कोई कसर नही छोड़ी। पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को प्राथमिकता पर शराब एवं शराबियों के पीछे झोंक दिया गया। पर शराब के धंधेबाज कभी बाज नही आये तो शराबबन्दी की हकीकत आज सबके सामने है।
अक्सर लोग कहते मिल जाएंगे, शराबबंदी माफियाओं से लेकर अधिकारियों तक के अवैध कमाई का मोटा जरिया बन गया है। पुलिस भी लगी रहती है, शराब तथा शराबियों को पकड़ने में।
लहेरियासराय थाना क्षेत्र में थानाध्यक्ष हरिनारायण सिंह ने तीन लोगों को संदीप कुमार, दिलीप कमती, रामबाबू मंडल विभिन्न जगहों से शराब के नशे में पकड़ा था। गुरुवार को जब इन्हें मेडिकल केलिए ले जाया जा रहा तभी पत्रकारों की नजर इनपर पड़ी।
उनसे परिचय एवं अपराध के सम्बंध में पूछा गया तो इन्होंने स्वीकार किया कि शराब का सेवन करने के कारण इन्हें पकड़ा गया है।
हालांकि फिर कैमरे को देख दिलीप कमती नामक आरोपी ने फिर बात बदलते हुए अनहरिया बाग से ताड़ी पीकर जाने की बात कही। पुनः ताड़ी में दारू मिक्स होने की बात कही। हालांकि इस ठंढ के मौसम में ताड़ी की बात एक बहाना ही मानी जाएगी।
पर जब सवाल पूछा गया कि इन तीनो से कि बिहार में शराब बन्द है, तो फिर इन्हें शराब कहाँ से मिलता है।
इस पर उक्त आरोपी दिलीप को धैर्य जवाब दे गया और उसने पलट कर कैमरे पर ऐसा उल्टा सवाल दागा, जिसने शराबबन्दी की सफलता की पोल खोल कर रख दी।
दिलीप ने दो टूक कहा कि कहाँ बन्द है शराब, हर जगह मिल रहा है शराब। मिलता है तब न लोग पीते हैं। इस सवालात्मक जवाब के समय वहां थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। सब निरुत्तर थे।
लग रहा था कि दिलीप ने ऐसा सच बोल दिया। इससे अधिकारिक रूप से इन्कार करना मजबूरी होता है, पर दिल जानता है कि उसने सवाल जायज खड़ा किया है। इसलिए शायद उसके इस जवाब पर मीडियाकर्मी एवं पुलिसकर्मी, सभी निरुत्तर हो गये।