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    Tuesday, April 16, 2024
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      नूरसराय थाना के जमादार पवन की सड़क हादसे में मौत की उलझी गुत्थी

      “जैसा कि मीडिया की सुर्खियों में यह बात भी उभर कर सामने आई है कि पवन सिंह एक दिन पहले नूरसराय थाना क्षेत्र में जगदीशपुर-तियारी गांव में हुई छापामारी के दौरान पकड़ी गई शराब की बड़ी कंटेनर खेप के छापामार दल में भी शामिल थे…..” 

      बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के नूरसराय थाना में पदास्थापित जमादार पवन कुमार की सड़क हादसे में हुई मौत कई सबालों के घेरे में आ गया है। पहले सूचना फैली कि वे इलेक्शन ड्यूटी से बाइक से आ रहे थे और इसी बीच एक अनियंत्रित ट्रक ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।

      इधर घटना के बाद इस हादसे को लेकर बनी मीडिया की सुर्खियां बताती है कि नूरसराय के सरकारी अस्पताल के समीप बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि घटी।घटना के वक्त पवन सिंह अपने नियमित गश्ती पर थे।

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      नूरसराय थाना में पदास्थापित जमादार पवन कुमार……

      प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मियों ने बताया कि पवन पेशाब करने को लेकर गश्ती जीप से नीचे उतर रहे थे। इसी बीच विपरीत दिशा से आ रही एक ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।

      हादसा इतना भयावह था कि दारोगा के शरीर का निकला भाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद ट्रक का चालक वाहन सहित फरार हो गया।

      इस मामले को लेकर जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने नूरसराय थानाध्यक्ष से बात की तो उनके ही स्वर में दो तरह के तत्थ उभरकर सामने आए।

      थानाध्यक्ष ने बताया कि वे चुनाव कार्य से लौटने के बाद कुछ नीजि कोर्ट के काम से थाना आए थे और गश्ती दल के साथ हो लिए। इसी बीच गश्ती वाहन रुकवा कर पवन पेशाब करने के लिए सड़क पार करने लगे कि इसी बीच वे ट्रक की चपेट में आ गए।

      जब थानाध्यक्ष से पुछा गया कि रात्रि गश्ती दल के साथ कोर्ट के नीजि काम से जाने का मतलब है कि उन्होंने क्या ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी? इस पर उनका कहना था कि वे ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी और रात्रि गश्ती दल के साथ थे।

      सबाल उठता है कि थानाध्यक्ष का एक तरफ यह कहना कि वे नीजि काम से कोर्ट जा रहे थे और फिर यह कहना कि वे गश्ती दल में थे। हादसे को काफी उलझा जाती है। 

      अगर पवन गश्ती दल में थे तो फिर क्या पुलिस वाहन दल में वायरलेस या पुलिस कर्मियों के पास मोबाइल सेट नहीं थे। उन्होंने अपने संसाधनों के जरिए उस अनियंत्रित ट्रक को पकड़वाने की कोशिश क्यों नहीं की गई? जबकि आगे कई हाइटेक थाने मौजूद हैं।

      और अगर वे नीजि कोर्ट के काम से वे चुनाव ड्यूटी से आए थे तो फिर उन्हें दो ढाई बजे रात्रि गश्ति दल के साथ जाने की नौबत क्यों आन पड़ी?

      हादसे के बाद क्या जिले के विभिन्न थानों के पुलिस तंत्र इतनी लच्चर है कि वे एक अदद ट्रक को न पकड़ सके, जो सबके सामने एक जमादार को रौंद डाले! यह भी कम बड़ा सबाल नहीं है।

      जैसा कि मीडिया की सुर्खियों में यह बात भी उभर कर सामने आई है कि पवन सिंह एक दिन पहले नूरसराय थाना क्षेत्र में जगदीशपुर-तियारी गांव में हुई छापामारी के दौरान पकड़ी गई शराब की बड़ी कंटेनर खेप के छापामार दल में भी शामिल थे। 

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