अन्य
    Tuesday, April 23, 2024
    अन्य

      नालंदा में भ्रष्टाधिकारीः कौन सच्चा कौन झूठा, डायरेक्टर या डीएम?

      पटना (संवाददाता)। सीएम नीतिश कुमार के गृह जिला नालंदा में उनके विकास यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारियाँ की जा रही है। समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रखंड और पंचायत स्तर पर वरीय पदाधिकारी की देख रेख में जनता दरबार का आयोजन किया जा रहा है ।

      chandi nalanda crouption2 सीएम नीतिश  कुमार के पैतृक विधानसभा क्षेत्र हरनौत के चंडी में पद स्थापित आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ वहां के प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख सहित 20 सदस्यों ने उनके भ्रष्ट आचरण को लेकर मोर्चा खोल रखा है।

      पंचायत समिति की बैठक में उनके खिलाफ शिकायत भी सामने आई ।लेकिन किसी ने आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ जांच की जहमत नहीं उठायी

      प्रखंड प्रमुख निर्मला देवी सहित कई सदस्यों ने आरोप लगाया है कि आवास योजना में गरीब लाभुको से उनके द्वारा 15-20 हजार रूपये रिश्वत के रूप में वसूले जाते है।जबकि लाभुक उनसे शिकायत करने आते हैं ।आवास पर्यवेक्षक जनप्रतिनिधियों की एक नहीं सुनते हैं ।

      आवास पर्यवेक्षक के भ्रष्ट कार्यशैली से नाराज लगभग 20 सदस्यों ने फैसला लिया कि वे सभी नालंदा डीएम डाॅ त्यागराजन से मिलकर अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप देंगे ।

      बुधवार को पंचायत समिति सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम से मिलने के लिए भी पहुँचा लेकिन डीएम सरकारी कार्यों की वजह से निकले हुए थे ।

      जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने नालंदा डीएम से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि डीआरडीए के डायरेक्टर गए हुए हैं, बैठक कर रहे हैं । मामले की जांच में आएगा अगर दोषी होगा तो कार्रवाई होगी।वैसे उन्हें पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा इस्तीफा देने की जानकारी उनके पास नहीं आई है।

      इधर डीआरडीए के डायरेक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव चंडी प्रखंड कार्यालय पहुँचे ।जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को उनके चंडी पहुँचने की खबर मिली तो फोन पर उनसे बातचीत के दौरान जानकारी मिली कि वे डीएम के निर्देश पर नहीं बल्कि डीडीसी के कहने पर चंडी गए थे ।

      डायरेक्टर ने बताया कि डीडीसी ने उन्हें कहा कि चंडी में पंचायत समिति का कुछ मामला है जाकर देख लीजिएगा । उन्हीं के आदेश पर वे चंडी गए थे।chandi nalanda crouption 1

      जब एक्सपर्ट मीडिया ने उनसे पूछा कि मामला क्या था? इसपर उन्होंने कहा कि मामला कुछ पता नहीं चल रहा है ।सदस्यों के द्वारा इस्तीफा देने की खबर उन्हें नहीं है।न ही उन्हें इसके बारे में कोई लिखित सूचना नहीं है।

      एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ जांच का कोई आदेश नहीं दिया गया है। वहाँ पर उपस्थित एक सदस्य ने यह मामला उठाया था ।लेकिन इस्तीफा देने का कोई मामला नहीं आया। हो सकता है उच्च पदाधिकारी को इसकी लिखित सूचना दी गई हो।

      अब सवाल यह उठता है कि जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाते हो।उस अधिकारी को लेकर जिला प्रशासन ज्यादा संवेदनशील नही दिखे।उल्टे इसका दोषारोपण जनप्रतिनिधियों पर कर दिया जाए तो ऐसे में सरकार भ्रष्टाचार का खात्मा कैसे कर सकती है ।

      नालंदा का जिला प्रशासन पंचायत समिति सदस्यों के आरोप को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है।जबकि भ्रष्टाधिकारी के खिलाफ आवाज उठाने वाले सदस्यों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे इस्तीफा न दें।

      यहाँ तक चंडी बीडीओ के द्वारा कई सदस्यों को डीएम से मिलने से रोका गया ।राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है ।लेकिन पंचायत समिति सदस्य अपने इस्तीफे के फैसले पर अडिग है।

      उनका कहना है कि जब तक भ्रष्ट अधिकारी को उनके पद से नही हटाया जाता है तब तक वे किसी की भी बात नही मानेगें।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!