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    Tuesday, March 19, 2024
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      नालंदा में गोलियों की बौछार के बीच बाल-बाल बची महिला मुखिया !

      सीएम के गृह जिला नालंदा में पंचायत प्रतिनिधियों पर जैसे लगता है आफत आ पड़ी है। कौन और कब मुखिया किसी के गोली के शिकार हो जाए कहा नहीं जा सकता है। अपराधियों के टारगेट  पर बने हुए जनप्रतिनिधि।

      नालंदा। अभी नूरसराय के नीरपुर पंचायत के मुखिया शिवेन्द्र प्रसाद हत्याकांड की आग बूझी भी नहीं थी कि एक बार फिर से अपराधियों ने सीएम के गृह प्रखंड हरनौत के बस्ती पंचायत के महिला मुखिया शैल देवी पर ताबड तोड़ फायरिंग कर दी। गनीमत रही कि इस फायरिंग में उनका बाल बांका नहीं हो सका। इस घटना से जिले के सभी पंचायत प्रतिनिधियों में दहशत छा गई है तो वही दूसरी तरफ नालंदा में बढ़ते अपराध ग्राफ पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर आज मुखिया शैल देवी की हत्या हो जाती तो हरनौत में छह महीने के अंदर दूसरी तो जिले में तीसरे मुखिया की हत्या का रिकार्ड दर्ज हो जाता।

      नालंदा में पिछले कुछ माह से अपराध का ग्राफ काफी बढ़ा हुआ है। आए दिन लाखों की लूट, डकैती, गोलीबारी, हत्या आम बात हो गई है। पिछले मंगलवार को सीएम नीतिश के बिहारशरीफ से कार्यक्रम के जाने के बाद ही सरेशाम अपराधियों ने एक सरार्फा दुकान पर गोलीबारी की जिसमें एक व्यवसायी की मौत हो गई थीं। वही सरमेरा में भी अपराधियों का तांडव दिखा। लाख पुलिसिया कोशिश के बाबजूद नालंदा में अपराधियों की बहार कायम है।

      सीएम नीतीश कुमार अपने निश्चय कार्यक्रम को लेकर 29 दिसम्बर को नालंदा आ रहे हैं। उनके आगमन में सुरक्षा व्यवस्था में जहाँ पुलिस महकमा एडी -चोटी एक किए हुए है। वाबजूद जिले में अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। लगता है जैसे  अपराधियों ने भी पुलिस को चुनौती देने की ठान रखी है।

      हरनौत के बस्ती पंचायत के दैली गाँव में बीती रात मुखिया शैल देवी के घर पर तीन अपराधियों ने फायरिंग की। मुखिया पुत्र धीरज कुमार ने बताया कि बीती रात उनके घर के पास तीन संदिग्ध लोग टहल रहे थे। पूछताछ करने पर हवाई फायरिंग कर दी। गोली चलने की आवाज सुनकर मुखिया भी बाहर निकली अपराधियों ने उन पर भी फायरिंग की लेकिन बच गई। उनके परिजनों के द्वारा शोरगुल करने पर सभी उतर दिशा की तरफ भाग निकले। मुखिया पुत्र ने इस घटना की सूचना हरनौत पुलिस को दी।

      हरनौत थानाध्यक्ष केशव मजमूदार ने रात में ही आकर मामले की जांच पड़ताल की। उन्होंने बताया कि मामला संदिग्ध है। गोलीबारी की आवाज किसी भी ग्रामीण ने नहीं सुनी। गाँव वाले सिर्फ मुखिया के परिजनों द्वारा हल्ला करने की बात कबूल कर रहे हैं, लेकिन गोली चलने की बात से ग्रामीण इंकार कर रहे हैं ।

      थानाध्यक्ष ने बताया कि मुखिया ने लाइसेन्सी रिवाल्वर के लिए आवेदन दिया है। शायद जल्द लाइसेंस लेने के लिए इस तरह की मनगंढत कहानी रची जा रही है।

      फिलहाल मामला चाहे जो भी अगर घटना में अगर थोड़ी भी सच्चाई है तो यह पुलिस के लिए चुनौती है, कहीं न कही जनता में उनका इकबाल खत्म होता जा रहा है।

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