“हिलसा पुलिस डीएसपी के अनुसार उन्हें जानकारी नहीं है। साइबर सेनानी ग्रुप पर गलत पोस्ट करना अपराध है। मामले की जांच कर वह कार्रवाई करेंगे। जाहिर है कि उनके के साथ नालंदा एसपी को ही अधिनस्थ थाना के साइबर सेनानी ग्रुप में शामिल नहीं किया गया है या फिर वे खुद उसपर नजर नहीं रखते………………..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारी के निर्देश पर जिले में व्हाट्एप पर साइबर सेनानी ग्रुप बनाया गया। मंशा थी अफवाहों पर विराम लगे। समाज में ऐसा संदेश न जाए, जिससे सौहार्द बिगड़े।
एसपी, डीएसपी से लेकर सभी थानेदारों द्वारा साइबर सेनानी ग्रुप बनाया गया। जिसमें समाज के गणमान्य लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों को जोड़ा गया। ज्यादातर ग्रुप अपने मकसद से भटकता नजर आ रहा है।
सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए कम, साहब को खुश करने के लिए चापलूसी युक्त पोस्ट ज्यादा हो रहा है। ऐसे पोस्ट पर साहब भी गदगद हो रहे हैं।
हद तो तब हुई जब, सोमवार को खुदागंज थाना के साइबर सेनानी ग्रुप पर एक युवक ने पोर्न वीडियो क्लिप पोस्ट कर दिया। वह भी कुछ सेकेंड का नहीं, बल्कि 1 मिनट 46 सेकेंड का।
पोर्न फुटेज पोस्ट होने के बाद थानेदार ने ग्रुप पर मैसेज किया कि इस तरह का गंदा वीडियो पोस्ट करने से परहेज करें। नहीं तो ग्रुप से बाहर कर दिया जाएगा। थानेदार के इस संदेश के बाद पोर्न पोस्ट करने वाला शख्स ग्रुप से लेफ्ट कर गया।
कहते हैं कि साइबर सेनानी ग्रुप पर अश्लील वीडियो पोस्ट होने के कुछ ही मिनटों में यह इलाके में फैल गया। चौक चौराहे पर युवा अश्लील वीडियो की चर्चा करते देखे गए।
बुद्धिजीवी वर्ग के लोग इसकी आलोचना करते हुए पोस्ट करने वाले पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रुप में शामिल कुछ बुद्धिजीवियों ने बताया कि अश्लील वीडियो के कारण उन्हें अपने परिवार में शर्मिंदगी भी उठानी पड़ी।
कुछ पुलिस पदाधिकारियों के ग्रुप पर ज्यादातर चापलूसी युक्त पोस्ट किया जा रहा है। जिससे साहब भी गदगद हो रहे हैं। इसके विपरीत कुछ साइबर सेनानी पोस्ट अपनी सार्थकता भी साबित कर रहा है। जरूरी सूचनाएं पोस्ट होने पर पुलिस पदाधिकारी उसे संज्ञान में लेते हैं।
बता दें कि पुलिस महानिदेशक के आदेश पर सभी जिलों में साइबर सेनानी समूह का गठन किया गया। मंशा थी कि अफवाहों पर विराम लगाना। सोशल मीडिया के अविश्वसनीय संदेशों के प्रसार को रोक कर विश्वसनीय जानकारी जनता तक पहुंचाना। जनता भी आवश्यक सूचना पदाधिकारियों तक आसानी से पहुंचाए।
आमजनों की सहभागिता से साइबर सुरक्षा सुनिश्चित हो। सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए त्योहारों के अवसर पर साइबर सेनानी आवश्यक सुझाव या सूचना पदाधिकारी तक पहुंचाएं। ऐसे ग्रुपों में पदाधिकारियों ने समाज के जिम्मेवार नागरिकों को जोड़ा।