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    Friday, April 19, 2024
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      नपे नालंदा PGRO राजेश सिंह, लगा एक हजार का अर्थदंड, वेतन से वसूलने का आदेश

      बालू माफिया और खनन विभाग की सांठगांठ के मामले में सामने आई संदिग्ध भूमिका

      ” विभागीय प्रधान सचिव ने नालंदा जिले बालू कारोबार से जुड़े मामले में नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह के साथ नालंदा जिला खान एवं भूतत्व सहायक निदेशक घनश्याम झा को को दोषी करार देते हुए उन पर एक-एक हजार रुपए का दंड राशि वसूली के अंतिम आदेश दिए हैं। यह राशि दोनों अधिकारी के वेतन से वसूली जाएगी। यहां जिला एवं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय में व्याप्त लापरवाही व मनमानी के बीच द्वीतीय अपीलीय प्राधिकार का एक बड़ा ऐतिहासिक फैसला है….”

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  आज कार्यालय, विभागीय सचिव/प्रधान सचिव, (द्वितीय अपीलीय प्राधिकार) खान एवं भूतत्व विभाग, कमरा सं0-46, वाणिज्य कर विभाग, नया सचिवालय, विकास भवन, बेली रोड, पटना में सिद्धेस्वर प्रसाद द्वारा दायर अनन्य संख्या- 427110125051801923/2A की सुनवाई में अंतिम आदेश पारित की गई। यह अनन्य वाद ‘परिवाद पत्र में अंकित बिन्‍दुओं पर विचार नहीं किया गया’  से संबंधित था।

      नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड के बिजोखरी तेल्हाड़ा निवासी सिद्धेश्वर प्रसाद की वाद की अंतिम आदेश के अनुसार -‘परिवाद-पत्र में अंकित बिन्दुओं पर विचार नहीं किया गया तथा प्रथम अपीलीय प्राधिकार -सह- प्रमंडलीय आयुक्त, पटना प्रमंडल पटना के आदेश दिनांक 14/02/2019 के निर्णय से असंतुष्ट हूँ।NALANDA LOK SHIKAYAT NIVARAN 2

      अपीलार्थी द्वारा अपने अभ्यावेदन में वर्णित किया गया है कि प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने उक्त अपील वाद को यह कहते हुए निष्पादित कर दिया है कि परिवादी द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है, जबकि उन्होंने उक्त अपील में जिला खनन पदाधिकारी नालंदा के पत्रांक 1118/खनन एम. दिनांक- 09/08/18 की छायाप्रति एवं खान निरीक्षक, नालन्दा के दिनांक 06/08/2018 का जाँच प्रतिवेदन भी संलग्न किया है, जिसमें गंगा विगहा तथा सोनियांवा बालु घाट से अवैध उत्खनन संबंधी अनियमितताएँ पाई गई थी।

      प्रथम अपीलीय प्राधिकार -सह- प्रमंडलीय आयुक्त पटना के द्वारा बिना मेरे प्रतिवेदन पर विचार किए हुए एक पक्षीय निर्णय पारित कर परिवाद पत्र को समाप्त कर दिया हैं, जो न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। इसलिए अपीलार्थी द्वितीय अपीलीय वाद दायर कर समुचित निर्णय पारित करने का अनुरोध किया हैं।

      अपीलार्थी के द्वारा उपलब्ध कराए गए कागजात से स्पष्ट है कि यह परिवाद, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जिला-नालंदा के यहाँ मूल रूप से अनन्य संख्या 427110125051801923 के अर्न्तगत दिनांक 25/05/2018 को दायर किया गया था तथा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नालन्दा द्वारा अंतिम आदेश पाँच माह उपरान्त दिनांक 08/11/2018 को पारित किया गया।

      बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015 की धारा (5) में परिवाद के निवारण हेतु 60 कार्य दिवस निर्धारित किए गये है। इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालन्दा द्वारा सहायक निदेशक खान एवं भूतत्व, नालंदा के प्रत्युत्तर प्राप्त होने के तीन माह पाश्चात आदेश पारित किया तथा विलम्ब के समुचित कारण का भी उल्लेख आदेश में नही किया गया है।

      सहायक निदेशक खान एवं भूतत्व, नालन्दा से सूचना के अधिकार के तहत् माँगी गई सूचना के संबंध में दी गई जानकारी पत्रांक 1118 दिनांक 09/08/2018 और लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नालंदा को दिये गए जवाबी पत्र पत्रांक 1160 दिनांक 28/03/2018 में विरोधाभास है।NALANDA LOK SHIKAYAT NIVARAN 1

      प्रथम अपीलीय प्राधिकार -सह- प्रमंडलीय आयुक्त पटना प्रमंडल पटना के यहाँ जब प्रथम अपील दायर किया गया तो पुनः इन बिन्दुओं पर बगैर विचार किए हुए सहायक निदेशक, खान एवं भूतत्व नालंदा के पत्रांक 25/एम. दिनांक 05.01.2019 से सहमत होते हुए तथा परिवादी द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद एवं सत्य से परे मानते हुए वाद की कार्यवाही समाप्त कर दी गई।

      विवेचना से स्पष्ट है कि अपीलार्थी के मूल परिवाद पर बिना समुचित रूप से विचार किए आदेश पारित किया गया है। इस द्वितीय अपील वाद की सुनवाई व संलग्न किए गए कागजातों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ,नालंदा द्वारा बिना कोई युक्तियुक्त कारण के निश्चित समय-सीमा के पश्चात्् वाद का निष्पादन किया गया है।

      सहायक निदेशक खान एवं भूतत्व, नालंदा के पत्रांक 1118 /खनन एम० दिनांक 09.08.18 एवं पत्रांक 1160/खनन, नालन्दा दिनांक 23.08.18 परस्पर विरोधी प्रतिवेदन है, जो एक ही विषय से संबंधित है।

      जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालन्दा श्री राजेश कुमार सिंह एवं सहायक निदेशक खान एवं भूतत्व, नालन्दा श्री घनश्याम झा को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 की धारा (8) की तहत शास्ति के रूप में एक हजार रूपया की दर से दोनों अधिकारीयों को पृथक-पृथक शास्ति अधिरोपीत किया जाता है। यह शास्ति की राशि दोनो पदाधिकारियों के वेतन से वसूलनीय होगी। इसी निदेश के साथ वाद की कार्यवाही समाप्त की जाती है।

      आदेश की प्रति जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालन्दा, सहायक निदेशक खान एवं भूतत्व, नालन्दा एवं प्रमंडलीय आयुक्त, पटना -सह- प्रथम अपीलीय प्राधिकार व अपीलार्थी को भेजें।

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