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    Friday, March 29, 2024
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      नए साल में शुरू होगी सीएम सुकन्या योजना  :रघुवर दास

      • सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना के तहत आने वाले 26 लाख परिवार की बच्चियों को मिलेगा इस योजना का लाभ

      • जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के उम्र तक की बच्चियों को शिक्षा प्राप्ति हेतु एवं अन्य विकास के लिए समय-समय पर मिलता रहेगा वित्तीय लाभ

      • डीबीटी के माध्यम से सीधे बच्चियों के खाते में जाएगी प्रोत्साहन राशि

      • एसएचजी, सामाजिक संस्था एवं स्वैच्छिक संस्था राज्य के विकास की आत्मा

      रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सीएम रघुवर दास ने कहा है कि आने वाले नए साल में  झारखंड में सीएम सुकन्या योजना शुभारंभ की जाएगी। इस योजना को लागू करने की पूरी तैयारी चल रही है।

      cm raghubar bal sanrakshan11 जनवरी 2019 से इस योजना का लाभ सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना के तहत आने वाले 26 लाख परिवार की बच्चियों को मिलेगा। जन्म से लेकर 18 वर्ष तक की बच्चियों को शिक्षा के साथ साथ अन्य आर्थिक सामाजिक विकास के लिए राज्य सरकार समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। बच्चियों के सहायतार्थ मिलने वाली राशि का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में किया जाएगा।

      उक्त बातें सीएम आज 28 नवंबर को झारखंड मंत्रालय में आयोजित ‘बाल विवाह उन्मूलन हेतु कार्य योजना’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

      सीएम ने कहा कि राज्य से गरीबी,पलायन, अशिक्षा,कुपोषण, बाल विवाह आदि कुव्यवस्था को समूल नष्ट करना सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकारी तंत्र, गैर सरकारी तंत्र और पंचायती राज की संरचनाओं में आपसी समन्वय स्थापित कर के ही समाज में व्याप्त कुव्यवस्थाओं को मिटाया जा सकता है। सभी स्वयंसेवी संस्थाएं जिलों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चलाएं। लोगों को जागरूक करके ही इस मुहिम में सफलता पाई जा सकेगी।cm raghubar bal sanrakshan 4राज्य के 5 जिले गोड्डा, देवघर, कोडरमा, गिरिडीह और पलामू के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के ज्यादा मामले उभर कर सामने आए हैं। इन 5 जिलों में बाल विवाह उन्मूलन के प्रति अधिक से अधिक फोकस करना हम सबों की जिम्मेवारी है। इन जिलों में बाल विवाह के रोकथाम हेतु बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।

      सीएम ने कहा कि बाल विवाह महिला एवं पुरुष दोनों के लिए हानिकारक है। बाल विवाह शारीरिक और मानसिक  तनाव का बड़ा कारण है। बाल विवाह से मातृत्व मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है।

      उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले 4 वर्ष में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है परंतु अभी भी और कार्य करने की आवश्यकता है। हमें राज्य से बाल विवाह जैसी कलंक प्रथा को जड़ से मिटाने की आवश्यकता है।

      सीएम ने कहा कि राज्य सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के विकास के लिए राज्य में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य में बच्चियों का ड्रॉप आउट  रोकना सरकार की प्राथमिकता है।

      बच्चियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त हो इस हेतु शिक्षा के स्तर में भी काफ़ी कार्य किए जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। महिला एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। नारी शक्ति को हमें सिर्फ परिवार की ही शक्ति नहीं बल्कि राष्ट्र की शक्ति बनानी है। नारी शुरुआत से ही सबला रही हैं और अंत तक साबला ही रहेंगी।

      cm raghubar bal sanrakshan 2सीएम ने कहा कि वर्तमान समय में सभी क्षेत्रों में चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल कूद का क्षेत्र हो अन्य सभी क्षेत्रों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों ने अपना परचम लहराया है।

      उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील किया कि लड़कियों का भी परवरिश लड़कों की तरह करें। देश की मातृत्व शक्ति में अपार क्षमता है। मां ही अपने बेटे बेटियों की सही परवरिश करती हैं। अतः बाल विवाह को रोकने में मातृत्व शक्ति का अहम योगदान होगा। समाज में अशिक्षा असमानता जैसी बुराई को रोकने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी।

      सीएम ने कहा कि राज्य में एनीमिया जैसी घातक बीमारी को समूल नष्ट करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार यूनिसेफ एवं  सामाजिक संगठन के सहयोग से एनीमिया जैसी घातक बीमारी से महिलाओं एवं बच्चों को निजात दिलाने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में यह संस्थाएं इसी तरह से कार्य करेंगी और स्वस्थ झारखंड के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगी

      इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अभाव के कारण बाल विवाह जैसी कुरीतियां समाज में व्याप्त है। शिक्षित समाज के निर्माण से ही हम बाल विवाह को रोकने में कामयाब हो सकेंगे। राज्य सरकार गांव गांव में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

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      उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चियों को वर्ग 8 के बाद उच्च शिक्षा के लिए अभिभावक प्रेरित नहीं करते हैं यह एक बड़ी विडंबना है। समाज में बच्चियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त कराना हम सबों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। बच्चियां जितना अधिक पढ़ेंगे हमारा समाज उतना ही विकसित होगा। सरकार कुपोषण मुक्त एवं बाल विवाह मुक्त झारखंड बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

      उन्होंने कहा कि बाल विवाह उन्मूलन मुहिम को सफल बनाने में महिला स्वयं सहायता समूह का बहुत ही बड़ा योगदान रहेगा। एसएचजी की महिलाएं घर घर जाकर लोगों को बाल विवाह के नुकसान की जानकारी दे सकेंगी और उन्हें बाल विवाह नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे। लड़कियों में शिक्षा का अलख जगाना होगा तभी विकसित और समृद्ध राज्य का निर्माण हो सकेगा।

      इस अवसर पर सीएम रघुवर दास द्वारा “बाल विवाह उन्मूलन हेतु कार्य योजना” नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी एवं विकास आयुक्त डीके तिवारी ने भी अपने संबोधन में बाल विवाह उन्मूलन योजना के संदर्भ में प्रकाश डाला।

      इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ए पी सिंह, सीएम के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल, समाज कल्याण विभाग की सचिव हिमानी पांडे, पंचायती राज विभाग के सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, यूनिसेफ इंडिया हेड डॉक्टर यासमीन अली हक, यूनिसेफ की झारखंड हेड डॉ मधुलिका जोनाथन, संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी, यूनिसेफ और एनजीओ के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चियां, महिलाएं एवं अन्य उपस्थित थे।

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