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    Friday, April 19, 2024
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      दलबदलु नागमणि अब 29 को थामेगें रालोसपा का दामन

      ” एक ओर जहाँ बिहार में महागठबंधन को लेकर राजनीति सरगर्मी बढ़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर दल बदलने का भी सिलसिला जारी है। इन्हीं राजनीति सरगर्मी के बीच आगमी 29 जुलाई को पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का दामन थामेंगे। “

      nagmani 1बिहारशरीफ दौरे पर पहुंचे समरस समाज पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा के सिद्धांतों और उसूलों के कारण वो रालोसपा पार्टी में शामिल होने जा रहे है ।

      वर्ष 1977 में पहली बार विधायक बने पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि 11 बार दल बदल चुके हैं.सबसे पहले शोषित समाज दल, फिर जनता दल, उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस कोई भी दल नागमणि से अछूता नहीं रहा। लालू, नीतीश या रामविलास पासवान, किसी के साथ नागमणि ज़्यादा दिन साथ नहीं चल सके ।

      समाजवादी नेता जगदेव प्रसाद के पुत्र नागमणि अपने पिता की हत्या के लिए कांग्रेस को ही ज़िम्मेदार बताते हैं। इसके बावजूद वर्ष 2010 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा।

      फिर उसे भी छोड़ कर वर्ष 2014 में उन्होंने अपनी समरस समाज पार्टी बनाई। मगर इस पार्टी के एक भी उम्मदीवार को ना तो लोकसभा में ही जगह मिला ना ही विधानसभा में।

      nagmani 2बार-बार दल बदलने के सवाल पर नागमणि सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा के सिद्धांतों और उसूलों के कारण वो रालोसपा पार्टी में शामिल होने जा रहे है। अब तो  देखना यह  होगा कि उपेंद्र कुशवाहा के साथ वो कितने दिनों तक रहते है।

      इस मौके पर उन्होंने कहा कि पुरे प्रदेश में कुशवाहा समाज का 10 प्रतिशत वोट है। जिसके बदौलत आज नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए है। लेकिन आज वो भी अपने सिद्धांतों और उसूलों से हट गए है उन्हें रावण जैसा घमंड हो गया है।

      उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करते हुए राष्टीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना ही हमलोगों का लक्ष्य होगा।

      मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार द्वारा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दिए गए चार दिनों के अल्टीमेटम के सवाल पर उन्होंने कहा कि 29 जुलाई तक नीतीश कुमार जितना अल्टीमेटम दे दे, उसके बाद नीतीश कुमार अल्टीमेटम देने के लायक ही नहीं रहेंगे। क्योंकि सारा कुशवाहा समाज विद्रोह कर रालोसपा में शामिल हो जायेगें तो इनके पास वोट ही नहीं बचेगा ।

      आगमी 29 जुलाई को पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के समक्ष समरस समाज पार्टी के सभी कार्यकर्त्ता राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में शामिल हो जायेगें।

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