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    Wednesday, April 24, 2024
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      …तो क्या अब राजगीर थानेदार को हटाकर ’10 वर्षीय मुहर’ लगेगी!

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिला उत्पाद अधीक्षक विजय दुबे की पड़ताल व निर्देश पर राजगीर के दो संवेदनशील जगहों पर शराब बिक्री केन्द्र पकड़ी गई है। इस दौरान दो कारोबारी भी धराए हैं।

      ऐसे तो भगवान बुद्ध की नगरी राजगीर के चप्पे-चप्पे में शराब बिक रहे हैं, लेकिन एक थाना भवन से चंद कदम दूर और दूसरा एक प्रमुख सड़क मार्ग चौराहा स्थित हनुमान मंदिर के पास की शराब की अवैध शराब की दुकानें चर्चा की विषय बनी हुई थी।

      rajgir police wine crime 1चर्चा थी कि उन दोनों शराब दुकानों का संचालन पुलिस संरक्षण में हो रहा है और इसीलिए सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।

      कहा तो यहां तक जाता है उक्त दोनों शराब दुकान का अप्रत्यक्ष संचालन वर्तमान थानेदार की कृपा से थाना की सरकारी वाहन चालक, जो 24 घंटे शराब के नशे में रहता है, उसी के हाथों बेरोकटोक जारी था।

      इसी बीच इन शराब दुकानों की सूचना नालंदा उत्पाद अधीक्षक विजय दुबे दी गई। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सूचना की पुष्टि हेतु अपना जाल बिछाया। उनके निर्दे पर उत्पाद विभाग के कर्मी वेश बदल कर दोनों दुकान से खुद शराब की खरीदारी की।

      उसके बाद दोनों दुकानों पर छापामारी हेतु उत्पाद निरीक्षक अरुण कुमार के नेतृत्व में एक गोपनीय टीम बनाई गई। इस कार्रवाई की भनक से स्थानीय थाना पुलिस को बिल्कुल दूर रखा गया, ताकि कारोबारी सतर्क न हो जाएं।

      इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम के लोग ने बीते दिन छापामारी से ठीक पहले शराब खरीदी और फिर एक साथ दोनों अवैध शराब दुकानों से शराब बरामद करते हुए दो कारोबारी को दबोच लिया।

      उत्पाद निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि पहली छापेमारी कलाली चौक रौशन रोहित अंडा दुकान में की गई। वहां 180 एमएल की 4 बोतल ऑफसर्स च्वाईस व्हस्की टेट्रा पैक में बरामद की गई और कारोबारी गुड्डू कुमार पिता जवाहर प्रसाद, रामहरि पिंड निवासी को पकड़ा गया।

      rajgir police wine crime 2

      वहीं, जवाहर चौक से एक अंडा-पेप्सी दुकान के काउंटर से 180 एसएल की 3 बोतलें ऑफसर्स च्वाईस व्हस्की टेट्रा पैक में बरामद की गई और कारोबारी शिशुपाल साव पिता स्व. रुपल साव निवासी राजगीर माली टोला को मौके पर दबोच लिया गया।

      बहरहाल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट आदेश दे रखा है कि जिस थाना क्षेत्र में शराब बरामद होती है या वहां के थानेदार शराब के काले कारोबार में किसी प्रकार से संलिप्त पाए जाते हैं तो उनको त्तकाल हटा दी जाए और उसे 10 साल तक थानेदारी नहीं दी जाए।

      इसी आदेश के तहत गत दिनों आईजी मद्य निषेध रतन संजय कटियार की कठोरतम कार्रवाई की शिफारिश पर पटना के 4 थानेदार नप चुके हैं। जिनमें राजीवनगर थानाध्यक्ष निशांत कुमार, कंकड़बाग थानाध्यक्ष अशोक कुमार, एयरपोर्ट थानाध्यक्ष केके मजूमदार और फुलवारी थानाध्यक्ष कैसर आलम शामिल है।

      अब देखना कि राजगीर थानाध्यक्ष संतोष कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई हो पाती है कि नहीं। क्योंकि यहां थाना क्षेत्र में कारोबारी समेत शराब ही नहीं पकड़े गए हैं, अपितु इसमें उनकी संलिप्तता भी अप्रत्यक्ष तौर पर साफ नजर आई है।   

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