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    Friday, March 29, 2024
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      ” तेरी मेरी शादी सीधी साधी पंडित न शहनाई रे “

      “इन सब का क्या काम जहाँ श्याम ने बंसी बजायी रे — कहते हैं प्यार अँधा होता समज और परिवार की परवाह किये वैगर लोग बड़े से बड़े कदम उठा लेते हैं |”

      ऐसा ही नज़ारा नालंदा के हरनौत थाने में देखने को मिला जहां शिल्पी और रविंद्र दोनों हमेशा के लिए परिणय सूत्र में बांधने  के लिए थानेदार से गुहार लगा दी |

       दरअसल शिल्पी और रविंद्र दोनों में कई वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसकी भनक शिल्पी के परिवार वालो को लग गयी और इसकी शादी किसी दूसरी जगह करने की तैयारी शुरू कर दी गयी  |

      जब इस बात की जानकारी दोनों को हुई तो समाज के सारे बंधनो को तोड़ते हुए दोनों थाने पहुँच गए | थानेदार संजय कुमार ने तुरंत दोनों के परिवार वालो को थाने बुलाया और परिवार वालो को दोनों के बालिग होने की बात बताते हुए दोनों की शादी का इकरारनामा बनवा लिया |  और दोनों पक्षों के परिवार को समर्थन से थाने में ही शादी रचा  दी गयी । लेकिन लड़की की मां ने आक्रोश में आकर लड़के के भाई पर  हमला कर अभद्र व्यवहार कर दिया | जिसे  समझा-बुझाकर दोनों परिवारों को अपने अपने  घर वर वधू के साथ भेज दिया | 

      लिखित आवेदन के साथ शादी होने के बाद पूरे परिवार के साथलोग  बिहार शरीफ सोहसराय सूर्य मंदिर पहुंचे जहाँ  हिंदू रीति रिवाज से दोनों की  शादी करा  दी गयी | शिल्पी और रविंद्र दोनों इसी थाना क्षेत्र के नियामतपुर गांव के रहने वाले हैं |  शिल्पी  ओमप्रकाश सेन की पुत्री है जबकि रविंद्र सुरेश चौधरी का पुत्र बताया जाता है ।

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