“नालन्दा लोकसभा क्षेत्र के गली गली में नुक्कड़ नाटक की तरह अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ों को गोलबंद करने का प्रयास हो रहा है……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला नालन्दा में सत्ताधारी दल के लोग चुनावी समर में विकास के एजेंडे से हटकर अब जातिवाद कार्ड खेलना शुरू कर दिए है।
बिहार में सत्तारुढ़ नीतीश महकमा के नम्बर 2 माने जाने राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह आजकल चन्द्रवँशी समाज की बैठक लेने में व्यस्त है।
बुधवार को महताब पैलेस में अतिपिछड़ा आयोग के पूर्व सदस्य अरुण कुमार वर्मा एवं प्रदेश नेता विपिन चन्द्रवँशी के लाख प्रयास के बाद हालात यह है कि इनके बैठक में मुश्किल से आधा दर्जन समाज के लोग उपस्थित होते है।
नालन्दा में चन्द्रवँशी मतदाता दो लाख की संख्या में है, जो सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है।
पिछले कई वर्षों में सामाजिक और राजनैतिक प्रयासों के बाद नालन्दा में चन्द्रवँशी समाज विधानसभा, लोकसभा में टिकट की मांग कई वर्षों से राजनीतिक दलों से लगा रही थी।
अतिपिछड़ा बहुल नालन्दा में चन्द्रवँशी समाज अब जमीन पर पर महागठबंधन के प्रत्याशी अशोक आजाद चन्द्रवँशी के साथ खड़ा नज़र आ रहा है।
यही वजह है कि इस समाज के लोग अब एनडीए से दूरी बना रहे है। अतिपिछड़ों की गोलबंदी भी इस समाज के साथ होना तय मानी जा रही है।
वहीं चन्द्रवँशी महासभा नालन्दा के जिलाध्यक्ष भागवत प्रसाद चन्द्रवँशी ने कहा कि महागठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में जिले के समाज के लोग एकजुट है।
एक्के दुक्के ही समाज के लोग है, जो राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए चन्द्रवँशी समाज की बैठक कर मंच पर दूसरे लोगों को बैठाते है।
श्री भागवत ने कहा कि महासभा की टीम जिले के विधायक, विधानपरिषद, पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर चन्द्रवँशी समाज के उम्मीदवार के पक्ष में सहयोग की अपील करेगी, क्योंकि चन्द्रवँशी समाज के वोट से ही पंचायती व्यवस्था की राजनीति तय होती है।