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    Friday, April 19, 2024
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      झारखण्ड का प्रमुख आकर्षण है पकरि बरवाडीह का मेगालिथ महापाषाण पत्थर

      सूरजकुंड। झारखण्ड प्रदेश भारी उद्योगए प्राकृतिक सम्पदा के साथ.साथ विश्व सभ्यता के अवशेषों से भी भरा पड़ा है। जिसमे से एक है यहाँ के मेगालिथ महापाषाण पत्थर।  इन महापाषाण पत्थरों का मानव सभ्यता के सतत विकास में अहम् भूमिका रही है। इसमें लोग पहाड़ों को उनके उपयोग के अनुसार काट लिया करते थे। चाहे वो आराधना के लिए भगवान् का स्वरुप बनाना हो या ज्योतिषीय कार्यो में उपयोग करना हो। यहाँ तक की ब्रम्हांड विज्ञान और अंतिम संस्कार की रस्मो को करने के लिए भी इनका प्रयोग किया जाता रहा है। यह सभ्यता विश्व में कई स्थानों पर प्रचलित है लेकिन देश में इसका उदाहरण झारखण्ड और उत्तर पूर्वी राज्यों में देखने को मिलता है।

      megalithझारखण्ड प्रदेश में चतरा जिले में मेगालिथ का जीवांत उदाहरण देखा जा सकता है। जिले के पकरि बरवाडीह में पाया गया मेगालिथ अपने आप में अलग और एक मात्र ही है। जिसका स्वरूप भी अन्य मेगालिथ से अलग है। यहाँ पर पाया गया मेगालिथ विशाल पत्थर है जो की खगोलीय गणना के अनुरूप बना है। प्राचीन काल में लोग जिसका प्रयोग दिनाक हेतु में करते थे।  जाने माने लेखक और मेगालिथ अन्वेषक का मानना है की प्रत्येक मेगालिथ सटीक खगोलीय गणना के अनुरूप खड़ा किया गया है। सुबह के समय से सूरज की किरणे आरोही क्रम में प्रतीत होती है। जो की समय के साथ साथ ट आकार में आसन्न रहती है।

      पूरे विश्व से लोग यहाँ उस क्षड़ को देखने आते है। जब सूरज दो पत्थरों के मध्य आकृत प्रतीत होता है। साल में आने वाले दिन 20 मार्च और 23 सितंबर जब दिन और रात के घंटे समान होते है लोगो का सैलाब देखा जा सकता है।

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