अन्य
    Saturday, April 20, 2024
    अन्य

      जिला परिषद-प्रशासन के लिये चुनौती बना थाना का अदद पुलिस कांस्टेबल

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। आज नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन-धर्म नगरी राजगीर में पुलिस थाना के सटे जिला परिषद की करोड़ों की जमीन पर अजीब नजारा देखने को मिला।

      सीओ, डीसीएलआर, एसडीओ स्तर के अधिकारी के रोक के बाबजूद थाना में पदास्थापित मुकेश कुमार नामक एक कांस्टेबल बेखौफ निर्माण कार्य में जुट गया।rajgir land mafiya police1

      इसकी सूचना राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार को मिली तो उन्होंने फौरन राजगीर अंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत को स्थल निरीक्षण करने का निर्देश दिया।

      श्री पर्वत ने पुलिस कांस्टेबल को जिला परिषद की जमीन पर कार्य करते पाया और उसे थाना ले गये तथा उन्होंने थाना प्रभारी को चिन्हित भूमि पर किसी के द्वारा कार्य नहीं होने देने की बात कही।

      इसके पूर्व भी राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर भूमि अपर समाहर्ता प्रभात कुमार और अंचलाधिकारी ने जिला परिषद की उसी जमीन पर कार्य को रुकवाया था। उस समय कार्य कराने वाला कांस्टेबल मुकेश कुमार पर्दे के पीछे था और एक अखबार का कथित रिपोर्टर व उसका भाई कार्य को अंजाम दे रहा था।

      उस समय अंचलाधिकारी ने कार्य पर रोक लगाते हुये इस आशय की सूचना भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता और जिलाधिकारी को भी लिखित सूचना भेजी थी। इसके बावजूद आदेश विरुद्ध पुनः अतिक्रमण करने की कोशिश खुद में गंभीर मामला बन जाता है।

      rajgir land mafiya police2बहरहाल, जिला परिषद की अधिग्रहित जमीन पर जबरन कब्जा करने पर उतारु पुलिस कांस्टेबल प्रशासन के लिये सरदर्द और चुनौती दोनों बन गया है। यह कांस्टेबल करीब एक दशक से राजगीर में ही जमा है।

      इस दौरान उसने राजगीर में स्थानीय तौर पर एक ‘गिरोह’ बना लिया है, जिसकी कृपा में कई विभागीय लोग भी फंसे रहे हैं या फंसे हुये हैं। हाल ही में वर्तमान थाना प्रभारी के विशेष अनुरोध पत्र पर थाना में खास तौर पर पदास्थापित किया गया है।

      यदि हम आज की घटना का ही आंकलन करें तो थानाध्यक्ष की भूमिका भी काफी संदिग्ध नजर आती है। यह संभव ही नहीं है कि थाना के बगल में थाना का ही एक पुलिस कांस्टेबल सरकारी जमीन पर रोक के बाबजूद अवैध निर्माण कार्य करे और थानाध्यक्ष को भनक तक न हो।

      जिला परिषद की जमीन पर अवैध निर्माण के लिये काफी मात्रा में बालू, गिट्टी और ईंट जमा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह सब पुलिसिया धौंस दिखा कर बालू-गिट्टी-ईंट ढोने वाले वाहनों से जबरन वसूली का नतीजा है।

      सवाल उठता है कि जिला परिषद ऐसे चिन्हित भू-माफियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। जब प्रशासन के आदेश को थाना में पदास्थापित अदद पुलिस कांस्टेबल ठेंगा दिखाये तो फिर आम जन में कानून के प्रति किस तरह के संदेश जायेगें।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!