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    Wednesday, April 17, 2024
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      जानिए कौन है झारखंड एटीएस के हत्थे चढ़ा अलकायदा का खूंखार मौलाना कलीमुद्दीन

      इस मोस्‍ट वांटेड आतंकी के बारे में कहा जा रहा है कि यह स्‍लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। झारखंड एटीएस उससे अज्ञात स्‍थान पर रखकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है। वह भारत में अलकायदा के लिए सक्रिय आतंकवादी के रूप में काम कर रहा था। वह देश के युवाओं को जेहाद के लिए तैयार करके पाकिस्‍तान में जेहादी ट्रेनिंग कैंपों में प्रशिक्षण के लिए भेजता था………………..”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज।  झारखंड एटीएस ने ओसामा बिन लादेन के वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा के एक खूंखार आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।

      al qaeda maulana3अलकायदा से जुड़े इस खूंखार आतंकी का पूरा नाम मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी, पिता- मो फारुख बताया गया है। वह झारखंड के जमशेदपुर के मानगो इलाके के आजादनगर थाना क्षेत्र का रहनेवाला बताया गया है। वह लंबे समय वर्ष 2001 से ही आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ है।

      देश भर की सुरक्षा एजेंसियों को वर्ष 2016 से ही अलकायदा के इस खूंखार आतंकी की तलाश थी। पिछले तीन साल से यह आतंकी अपना ठिकाना और अपनी पहचान बदलकर लगातार खुफिया विभाग काे चकमा दे रहा था।

      बताया जा रहा है कि एटीएस ने अलाकायदा के आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी को जमशेदपुर से पकड़ा है। यह आतंकी भारत में अलकायदा के लिए काम कर रहा था।

      पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलकायदा के जिस कुख्‍यात आतंकी को पकड़ा गया है, यह आतंकी संगठन में काफी बड़े ओहदे पर काम कर रहा था। देशभर की पुलिस के साथ ही एनआइए को भी इस आतंकी की लंबे अरसे से तलाश थी।

      al qaeda maulana 4एटीएस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा ने अलकायदा के आतंकी मोहम्मद कलीमुद्दीन मुजाहिरी की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में स्लीपर सेल तैयार करना और जिहाद के लिए लोगों को तैयार करना इसका मुख्य काम था।

      मूल रूप से यह रांची के चान्हो के राड़गांव का गांव का रहने वाला है। फिलहाल जमशेदपुर के आजाद नगर में ठिकाना बनाया हुआ था। तिहाड़ जेल में बंद आतंकवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी, अब्दुल सामी, जीशान हैदर सहित अन्य आतंंकी का यह मुख्य सहयोगी है।

      एटीएस ने मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी को जमशेदपुर से दबोचा। 2001 में अलकायदा से जुड़ा था। मौलाना कलीमुद्दीन को अलकायदा के ईस्टर्न इंडिया जोन का प्रभारी बनाया गया था। जिहाद की मानसिकता रखने वाले लोगों को चिह्नित कर अपने पास बुलवाकर अलकायदा आतंकी संगठन से जोड़ना इसका मुख्य काम था।

      इसके खिलाफ जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना में 25 जनवरी 2016 को कांड संख्‍या 21/16 में संगीन मामला दर्ज किया गया था। सऊदी अरब, बांग्लादेश और अफ्रीका समेत कई देशों का भ्रमण कर चुका है।

      मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी मोहम्मद कलीमउद्दीन मुजाहिरी को एटीएस टीम द्वारा जमशेदपुर रेलवे स्टेशन के पास से शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। वह पिछले तीन वर्षों से फरार चल रहा था और लगातार अपना ठिकाना और अपनी पहचान बदल-बदल कर यहां रहा रहा था।al qaeda maulana2

      मोहम्मद कलीमुद्दीन के घर कुर्की जब्ती भी की जा चुकी है। कालीमुद्दी के खिलाफ जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना आर्म्स एक्ट, सीएलए एक्ट और यूएपीए एक्ट का मामला 25 जनवरी 2016 को दर्ज हुआ था।

      मोस्ट वांटेड आतंकवादी मोहम्मद कलीमउद्दीन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा के सक्रिय आतंकवादी मोहम्मद  अब्दुल रहमान अली उर्फ कटकी जो वर्तमान में तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद वह उसका सहयोगी है।  कटकी के अलावा अब्दुल सामी, अहमद मसूद, राजू उर्फ नसीम अख्तर और जीशान हैदर का सहयोगी रहा है।

      अलकायदा के खूंखार आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा के बारे में जमशेदपुर के आजादनगर के बाशिंदों को बहुत जानकारी नहीं है। मौलाना का क्राइम रेकॉर्ड जुटाने के लिए यहां कई बार इंटेलिजेंस ब्‍यूरो   की स्पेशल टीम आ चुकी है।

      मौलाना कलीमुद्दीन का जमशेदपुर के मानगो इलाके में जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित मकान प्राय: बंद ही रहता है। आसपास के लोग भी उसके बारे में बहुत कुछ नहीं जानते।

      कलीमुद्दीन का पैतृक आवास रांगामटिया तमाड़ में है। वह अपने विदेशी आतंकी आकाआें के कहने पर झारखंड में भटके युवकों को अलकायदा से जोड़ने में लगा था।

      जमशेदपुर के मानगो इलाके के जवाहरनगर रोड नंबर 12 निवासी अलकायदा आंतकी मौलाना कलीमुद्दीन पहले मदरसा चलाता था। वह अपने घर पर जामिया मोहम्मद पी बिन अब्दुल्ला नाम से मदरसा चलाता था। जिसका प्राचार्य मौलाना कलीमुद्दीन ही था।

      जब झारखंड एटीएस ने मौलाना कलीमुद्दीन के घर की 16 सितंबर 2017 को कुर्की की, उससे पहले ही मौलाना कलीमुद्दीन अपने पुत्र फैजाना के साथ सउदी अरब भाग गया।

      कलीमुद्दीन पर बिष्टुपुर थाने में आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ने, आतंकी संगठन का विस्तार करने, जिहाद के लिए युवाओं को भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज है।

      झारखंड एटीएस के हत्‍थे चढ़ा अलकायदा आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा एक फरवरी 2016 को जमशेदपुर पुलिस के हाथ लगा था। तब उसने मानवाधिकार आयोग को पुलिस प्रताड़ना की शिकायत की थी। इ

      स बारे में मौलाना ने प्रधानमंत्री तक को चिट्ठी लिखी थी। बाद में आयोग के हस्‍तक्षेप के चलते जमशेदपुर पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इस दौरान दोनों मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा सऊदी अरब भाग गए।

      कहा जा रहा है कि जमशेदपुर का आजाद नगर, जहां से अलकायदा आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन को पकड़ा गया है, यह इलाका आतंकियों का शरणगाह है। कोलकाता के अमेरिकन सेंटर पर हमला करने वाला नूर मुहम्मद भी यहीं से पकड़ा गया था।

      यहां का रहनेवाला अब्दुल सामी अलकायदा से जुड़ा था, जिसकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवात की थी। अब्दुल सामी धतकीडीह निवासी अब्दुल सत्तार का पुत्र है।

      समी ने पूछताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण व चौंकाने वाली जानकारी दी थी। अब्दुल सामी ने बताया था कि जनवरी 2014 में वह दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था, वहां करांची में कुछ दिन रुकने के बाद पाकिस्तान के मंसेरा में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद जनवरी 2015 में वह भारत आ गया था। वह कटक से गिरफ्तार आतंकवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी के संपर्क में था।

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