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    Tuesday, March 19, 2024
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      जब राष्ट्रीय पार्टी का जिलाध्यक्ष ऐसी भद्दी गालियां दे तो आलम क्या होगा राम जाने !

      पहले इस ऑडियो को सुनिए…

       

      जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सुना आपने….इस ऑडियो में देश की सबसे पुरानी पार्टी यानि कांग्रेस पार्टी के सरायकेला- खरसावां जिला अध्यक्ष और एक मामूली कार्यकर्ता के बीच कुछ पैसों के लेनदेन की बात चल रही है। जिसमें कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष से पैसे वापस करने की मांग कर रहा है। इतना ही नहीं दोनों के बीच देख लेने तक की धमकियां दी जा रही है।

      अंत में जिला अध्यक्ष ने जिस भद्दी गाली का प्रयोग किया, उससे तो लगता है कांग्रेस में अनुशासन तार- तार हो चुकी है। ऐसे में राहुल- सोनिया किस मुंह से देश की जनता से कांग्रेस के समर्थन में जनादेश देने की मांग करेंगे….!

      मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब आदित्यपुर के एक मनीष पाण्डेय नामक एक युवक जो खुद को कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता बताता है, उसने सरेआम अपने जिला अध्यक्ष छोटराय किस्कू पर खुद को नगर अध्यक्ष बनाए जाने के नाम पर ₹35000 ठगने और पार्टी के कार्यक्रमों के नाम पर रुपए ऐंठने का सीधा आरोप लगाया।

      इतना ही नहीं कार्यकर्ता ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी है और साफ शब्दों में आरोप लगाया है कि जिला अध्यक्ष ने उनका भयादोहन किया है और उनसे रुपए ऐंठे हैं।

      अब सवाल यह उठता है कि हाशिए पर जा चुकी कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में हुए लोकसभा चुनाव में किसी तरह से वापसी करती नजर आ रही है। ऐसे में पार्टी के बड़े नेताओं कि ऐसी हरकत से पार्टी की छवि पर क्या असर पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन इतना तो जरूर माना जा रहा है, कि राहुल- प्रियंका द्वारा कांग्रेस को फिर से जीवित करने के प्रयासों को एक बड़ा धक्का जरूर लगेगा।

      हालांकि कोल्हान या झारखंड की अगर हम बात करें तो, यहां कांग्रेस मृतप्राय संगठन हो चुकी है। ऐसे में इस तरह के प्रकरण से कांग्रेस का रसातल में जाना तय माना जा रहा है।

      बड़े नेताओं ने झाड़ा पल्लाः

      वहीं इस संबंध में जब कांग्रेस के बड़े नेताओं से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो सीधे तौर पर किसी ने भी इस मामले पर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। हां इतना जरूर कहा कि इसपर पार्टी आलाकमान को संज्ञान लेना चाहिए।

      अब सवाल यह उठता है कि आलाकमान है कौन! और क्या उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं!

      बकि कार्यकर्ता मनीष पांडेय ने प्रदेश अध्यक्ष को इस बाबत चिट्ठी भी लिखी है। तो क्या प्रदेश अध्यक्ष का अपने अधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर कोई लगाम नहीं! तो क्या इसी के दम पर पार्टी लोकसभा और विधानसभा में झारखंड में पुनर्वापसी करने का दंभ भर रही है!

       

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