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    Friday, March 29, 2024
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      छात्रों के भविष्य बर्बाद करने के लिए शिक्षक नहीं, सरकार दोषीः वंशीधर

      ” सरकार गाँव गरीब के बच्चों की शिक्षा के प्रति उदासीन है । विगत तीन साल से छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को किताब नहीं दी गई है। विद्यालय सत्र शुरू होने के 4 माह बाद भी सरकार किताब वितरण करने के बजाए प्रकाशन के लिए टेंडर की ही प्रक्रिया शुरू कर रही है।”

      RAJGIR NEWSनालंदा ( राम विलास )। शिक्षकों के साथ जब तक सरकार राजनीतिक करती रहेगी तब तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा महज जुमला ही रहेगा। उक्त बातें परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर व्रजवासी ने नालंदा जिला संघ द्वारा राजगीर के सरस्वती भवन में आयोजित शैक्षिक सेमिनार में शनिवार को कही।

      उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य के नियोजित शिक्षकों की ऊर्जा अपनी समस्याओं के समाधान और आंदोलन में बर्बाद हो रही है। नालंदा की गौरवपूर्ण शैक्षणिक इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा हजारों साल पहले इसी नालंदा से ज्ञान की गंगा बहती थी। यहां पूरी दुनिया से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोग आते थे । आज प्रस्थिति उल्टी है । उच्च शिक्षा की बात तो दूर सामान्य शिक्षा के लिए भी बिहार के छात्र पलायन करने के लिए मजबूर है।

      उन्होंने कहा कि जिला व राज्य संवर्ग के शिक्षकों की सेवा शर्त बनी है तो नियोजित शिक्षकों को उससे अलग नई सेवाशर्त बनाने की क्या जरूरत है । उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज के अप्रशिक्षित शिक्षकों को महज ₹15000 वेतन मिल पा रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण पूरे राज्य में आंदोलन चलाया जाएगा।

      इस अवसर पर कोशी सीमांचल क्षेत्र के प्रभारी मनोज कुमार ने कहा की सरकार गाँव गरीब के बच्चों की शिक्षा के प्रति उदासीन है । विगत तीन साल से छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को किताब नहीं दी गई है। विद्यालय सत्र शुरू होने के 4 माह बाद भी सरकार किताब वितरण करने के बजाए प्रकाशन के लिए टेंडर की ही प्रक्रिया शुरू कर रही है।

      उन्होंने जोर देकर कहा गांव के गरीब बच्चों के भविष्य बर्बाद करने के लिए शिक्षक नहीं सरकार दोषी हैं । सरकार छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही हैं । कोर्ट के आदेश के बाद भी नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति नहीं दी जा रही है।

      नालंदा जिला अध्यक्ष रोशन कुमार ने शिक्षकों का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है । लेकिन सरकार उन्हें अपमानित कर रही है। जब तक शिक्षक अपमानित होते रहेंगे तब तक देश का विकास असंभव है।

      उन्होंने यूरोपीय देशों की शिक्षा प्रणाली को बिहार में लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने क्लास वन अफसरों से अधिक प्राथमिक शिक्षकों के वेतन तय करने की मांग की।

      कार्यक्रम का संचालन संघ के जिला महासचिव सचिव इरफान मलिक और मदन कुमार ने संयुक्त रुप से किया।

      इस अवसर पर संघ के कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार शेखपुरा जिला अध्यक्ष रामाशीष यादव, गया जिला अध्यक्ष धनंजय कुमार, महासचिव रजनीश कुमार , नालंदा जिला उपाध्यक्ष सुनैना कुमारी, विनोद चौधरी, प्रेम प्रकाश, धर्मेंद्र कुमार, सूर्यकांत श्रीकांत, मनोज कुमार, कौशलेंद्र कुमार ब्रह्मचारी, रोशन कुमार, सुनील कुमार, मिथिलेश कुमार, अति उत्तम कुमार, मुकेश कुमार, शशिकांत वर्मा, दयानंद कुमार, नवीन कुमार एवं अन्य ने विचार व्यक्त किया।

      सम्मेलन की अध्यक्षता राजगीर प्रखंड अध्यक्ष अजय कुमार ने किया।

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